ई-अटेंडेंस के विरोध में चंद्रशेखर आजाद नगर के शिक्षक हुए लामबंद

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चंद्रशेखर आज़ाद नगर । संपूर्ण मध्य प्रदेश में ई-अटेंडेंस के विरोध को लेकर ज्ञापन सौंपा जा रहा। अलीराजपुर जिले के चंद्रशेखर आजाद नगर में भी प्रांतीय शिक्षक संघ के द्वारा सैकड़ों की संख्या में शिक्षकों ने एकत्रित होकर रैली निकालकर तहसीलदार जितेंद्रसिंह तोमर को संघ के जिला अध्यक्ष राजेश आर वाघेला, ओपीएस जिला अध्यक्ष सुरेंद्रसिह चौहान,युवराज राठौर की उपस्थिति में ज्ञापन सौंप कर ई-अटेंडेंस को निरस्त करने की मांग की गई । 

वाघेला ने बताया ई अटेंडेंस व्यवस्था व्यावहारिक नहीं है और मानवीय संवेदनाओं का भी ध्यान नहीं रखा गया। एक जुलाई से प्रदेश के समस्त विद्यालयों में हमारे शिक्षक एप के माध्यम से शिक्षकों की ई-अटेंडेंस व्यवस्था लागू करने के निर्देश के बाद शिक्षकों में रोष व्याप्त हो गया हैं। निर्देश के अनुसार यदि शिक्षक स्कूल खुलने और बंद होने के समय अपने मोबाइल से उपस्थिति दर्ज नहीं करा पाता हैं तो उससे बिना कोई स्पष्टीकरण लिए सीधे वेतन काटने की व्यवस्था बनाई गई हैं। एक प्रकार से यह व्यवस्था मानवीय मूल्यों को दर किनार कर इलेक्ट्रॉनिक यंत्रों के हवाले कर दी गई है। मोटी तनख्याह लेने वाले उच्चाधिकारियों की कार्य शैली पर प्रश्न चिन्ह है।शिक्षकों का कहना है कि शहर के विद्यालयों को छोड़कर यदि ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों विशेषकर ट्राइबल क्षेत्र के विद्यालयों पर गौर किया जाए तो 40 प्रतिशत से अधिक शिक्षक बहुत ही विपरीत परिस्थितियों में अपनी सेवाएं दे रहें हैं। आज भी शिक्षक ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षक आवास के अभाव के चलते पहाड़ी और दुर्गम रास्तों को पार अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इन शिक्षकों को बच्चों को पढ़ाने के अलावा उनके आधार कार्ड, समग्र आई डी, अपार आईडी,जाति प्रमाण पत्र बनवाने, बैंक खाता खुलवाने उसमें सुधार करवाने, छात्रों के प्रोफाइल पंजीयन, मैपिंग, जैसे दर्जनों कार्यों के लिए विद्यालय से बाहर आए दिन दौड़ धूप करनी पड़ती हैं। बरसाती दिनों में नदी नाले में बाढ़ आदि का भी सामना करके स्कूल पहुंचना होता है। बहुत से दुरूह क्षेत्रों में आज भी मोबाइल में नेटवर्क नहीं मिलता है,ऐसे में शिक्षक द्वारा अपने मोबाइल से  स्कूल खुलने और बंद होने के टाइम पर हाजिरी लगाना एक दम अव्यवहारिक है। जहां शिक्षक अपने पढ़ाने के मूल कार्य के अतिरिक्त विद्यार्थियों के हित से जुड़े व्यक्तिगत कार्यों को भी पूर्ण कराता है, ऐसे में शिक्षकों के कार्यों का आकलन सिर्फ मशीनरी के द्वारा करना अनुचित और अन्याय पूर्ण है। 

पूर्व मुख्यमंत्री ने ई अटेंडेंस को अपमान जनक शर्त बताया

2 अप्रैल 2018 से एम शिक्षा मित्र के माध्यम से लागू की जाने वाली ई अटेंडेंस व्यवस्था का जब शिक्षकों ने विरोध किया तो तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 1अप्रैल 2018 को मुख्यमंत्री आवास में शिक्षक संगठनों का  कार्यक्रम आयोजित कर उसमें कहा था कि एम शिक्षा मित्र से ई अटेंडेंस एक अपमान जनक शर्त हैं जिसे में लागू नहीं होने दूंगा। उन्होंने यह भी कहा था कि शिक्षकों के मान सम्मान के साथ खिलवाड़ करने इजाज़त किसी को भी नहीं दी जाएगी। चौहान के इस ऐलान के बाद यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई।

इस अवसर पर ब्लॉक अध्यक्ष राजेंद्र मुवेल,अभिषेक डावर, रविन्द्र बैरागी, हेमेंद्र गुप्ता बसंत अजनार,मनोज चंगोड़,विजय कृष्णा महाजन, कुंवर सिंह चौहान,कलसिह सोलंकी ,राकेश चंगोड़ केंनसिह भूरिया, अनीता डामोर,अन्तिमबाला बैरागी, रेखा सोलंकी,दिनेश नलवाया सज्जन सिह जमरा सहित बड़ी संख्या में शिक्षक साथी उपस्थित रहे l

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