चंद्रशेखर आजाद नगर।नगर में सेमली के संत श्री कमल किशोर जी नागर के पुत्र प्रभु जी नागर की कथा प्रारंभ हुई । जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु कथा श्रवण करने एकत्रित हुए।
कथा में संत श्री ने की कथा सुनने आए भक्तों की महिमा का वर्णन किया आपने कहा समाज भक्ति में लीन भक्तों को खिसकेला कहते हैं लेकिन ठाकुर श्री कृष्ण की भक्ति में लीन भक्त हमेशा मन से खुश रहता हैं और अपनी मस्ती में मस्त रहता हैं उसे कोई झंझट नहीं सब घर के दुःख खुद भगवान अपने ऊपर लेकर नैया को पार कर देता हैं और संत श्री ने कहा कि भगवान हनुमान का सीना ही भक्ति में कांच हो गया था जिसमें भगवान श्रीराम और माता सीता की मूरत दिखी थी । आपने कहा कि आप कथा भरोसे पर सुने भगवान आपको जरूर भव सागर से पार करेगा। आप तो भगवान के गुणगान करो ।अच्छे समय का इंतजार करो। आपने कहा सागर का न तो पानी काम का न रेत काम की तब सागर ने कहा में रेत नहीं मोती देता हूं यही भगवान भी देता हैं। वृंदावन में एक संत हुए उनका नाम भी चंद्रशेखर था और वो सिर्फ एक ही घर से दीक्षा लेते थे आपके वस्त्र फट गए पर उन्होंने किसी से नहीं मांगे उनके भक्ति से प्रसन्न भगवान खुद भगवान वस्त्र लेकर आए। कथा में आलीराजपुर-झाबुआ-रतलाम सांसद अनिता चौहान भी कथा श्रवण करने पहुंचीं थी। कथा के पूर्व नगर के श्रीराम मंदिर से एक विशाल भागवत के साथ कलश यात्रा सभा स्थल पर पहुंची। जहां हजारों की संख्या में भक्तो ने कथा श्रवण की। इसके साथ के पहले दिन की कथा का समापन हुआ।