आदिवासी संगठनों ने एसडीएम कार्यालय में दिया धरना, निलंबित पुलिसकर्मियों पर हत्या का मामला दर्ज करने की मांग

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आरिफ हुसैन, चंद्रशेखर आजाद नगर
22 जून की सुबह चंद्रशेखर आजाद नगर में पुलिस कस्टडी से भागते समय कोरियापान निवासी कैलाश पिता चंदू भील की कुएं में गिरने से मौत हो गई थी। इसके बाद परिजन ने जमकर हंगामा किया था। परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और सहायता राशि देने की मांग की गई थी।


इसी मामले को लेकर शुक्रवार को भील सेना संगठन, जयस और भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा के पदाधिकारी मृतक के परिजन और ग्रामीणों के साथ एसडीएम कार्यालय पहुंचे और धरना दिया। वे मामले में निलंबित किए गए चार पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकादमा दर्ज करने की मांग कर रहे थे। इसके अलावा सायबर सेल के विशाल और प्रमोद पर भी कार्रवाई की मांग की। दोपहर 3 बजे से साढ़े 4 बजे तक धरना दिया गया। इस दौरान डीएसपी आदित्यप्रताप सिंह, एसडीओपी नीरज नामदेव, तहसीलदार जितेंद्र तोमर, थाना प्रभारी विक्रम धार्वे मौजूद रहे। संगठन के पदाधिकारियों ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन भी सौंपा। इस दौरान भील सेना संगठन के प्रमुख शंकर बामनिया, मांगीलाल निनामा भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा राष्ट्रीय संयोजक, कमलेश डोडियार जयस, रमेश बघेल प्रदेश अध्यक्ष, दिनेश निनामा जयस, सारिंग बामनिया, धर्मेंद्र डामोर सारंगी, राकेश चंगोड़ सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
ये कहा पदाधिकारियों ने
भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक मांगीलाल निनामा ने कहा पुलिस कस्टडी के दौरान कैलाश की मौत हुई थी। इसलिए मामले में जितने भी पुलिस कर्मी शामिल है उन पर धारा 302 का मुकदमा दर्ज किए जाए। इसके अलावा मृतक के परिजन को सरकारी नौकरी और 50 लाख का मुआवजा दिया जाए। जयस के कमलेश डोडियार ने कहा पुलिस ने नियमों का उल्लंघन कर कैलाश को गलत तरीके से गिरफ्तार किया था। उसकी थाने में जमकर पिटाई की गई थी। डोडियार ने ज्युडिशियल जांच ठीक से करने की मांग की। कार्रवाई नहीं होने पर पदाधिकारियों ने आंदोलन की चेतावनी दी।

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