प्रदेश सरकार के खिलाफ एबीवीपी ने खोला मोर्चा

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अलीराजपुर। मध्य प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के एक आदेश को लेकर जिले में राजनीति गरमाती दिखाई दे रही है। बुधवार देर शाम करीब 8:00 बजे एबीवीपी के छात्र जिला मुख्यालय की सड़कों पर नजर आए। इस दौरान उन्होंने प्रदेश की शिवराज सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। छात्र संघ के नेताओं का कहना है कि प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग के मंत्री के द्वारा आदेश को निरस्त नहीं किया तो हजारों की संख्या में छात्रसंघ सड़कों पर उतरेगा और प्रदेश सरकार का पुतला दहन करेगा।

क्या है मामला

मध्यप्रदेश शासन की उच्च शिक्षा विभाग ने पिछले 2 माह पूर्व शासकीय महाविद्यालय की विभागीय समिति के अध्यक्ष के रूप में भाजपा नेता संजय गुप्ता का मनोनयन किया था।  उच्च शिक्षा विभाग ने ही दिनांक 4/11/2022 को एक आदेश जारी करते हुए संजय गुप्ता को अलीराजपुर शासकीय महाविद्यालय  की जनभागीदारी समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया था और अब इस आदेश के लगभग ढाई महीने के भीतर ही उच्च शिक्षा विभाग ने नया आदेश जारी करते हुए संजय गुप्ता के मनोनयन को निरस्त कर दिया है। आदेश की प्रति सामने आने के बाद स्थानीय स्तर पर राजनीतिक चर्चाएं भी शुरू हो गई है। एबीवीपी के छात्र नेता निलेश सस्तिया ने स्थानीय नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि आपसी स्वार्थ के चलते स्थानीय नेता जिले का विकास नहीं होने दे रहे हैं।

24 घंटे में आदेश निरस्त हुआ तो करेंगे उग्र आंदोलन

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों के द्वारा संजय गुप्ता को जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष पद से हटाने को लेकर सहयोग गार्डन से लेकर बस स्टैंड तक रैली निकाली गई। इस दौरान छात्रों के द्वारा प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। छात्रसंघ नेता निलेश सस्तिया ने बताया कि संबंधित मंत्री के द्वारा 24 घंटे के भीतर उक्त आदेश को निरस्त नहीं किया गया तो कल शुक्रवार को हजारों की संख्या में छात्र गण सड़कों पर उतर जाएंगे और प्रदेश सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन किया जाएगा।

वहीं इस पूरे मामले पर संजय गुप्ता ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि संगठन समय-समय पर कार्यकर्ता की भूमिका निर्धारित करता है, हमें जो भी दायित्व दिए जाते हैं हम उसका पूरी जिम्मेदारी के साथ पालन करते हैं और आगे भी इसी तरह करते रहेंगे। फिलहाल मुझे मेरी नियुक्ति के निरस्तीकरण संबंधी उच्च शिक्षा विभाग का कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है लेकिन जो भी संगठन का निर्णय होगा वह मान्य है।

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