11000 किलोमीटर पूर्ण कर राष्ट्रीय संत 1008 नर्मदानंद बापजी की राष्ट्रधर्म विजय पदयात्रा का हुआ भव्य स्वागत

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भूपेन्द्रसिंह नायक, पिटोल

आज पिटोल में राष्ट्रसंत 1008 श्री नर्मदा नंद बाप जी द्वारा आयोजित 29 सितंबर 2019 को गंगोत्री धाम से निकली राष्ट्र धर्म विजय यात्रा करीब 11000 किलोमीटर पूर्ण कर राष्ट्रीय संत 1008 श्री नर्मदा नंद बापजी द्वारा भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों को केंद्र बिंदु में रखकर हिंदू संस्कृति एवं सनातन धर्म की ध्वजा को लेकर चलने वाली राष्ट्रधर्म विजय पद यात्रा का हिंदुस्तान के 10 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने के पश्चात 11000 किलोमीटर पूर्ण कर आज मध्यप्रदेश में प्रवेश करते हुए भव्य स्वागत हुआ पिटोल के इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट पर प्रवेश करते ही पिटोल नगर वासियों द्वारा बैंड बाजे के साथ पूरे नगर में भ्रमण किया गया। सभी समाज वर्ग के धर्म के लोगों द्वारा पुष्प वर्षा का पुष्प माला पुष्प माला में पुष्प वर्षा कर स्वामी 1008 नर्मदा नंदजी का भव्य स्वागत किया गया। वही लबाना समाज द्वारा हवेली मोहल्ले में सभी यात्रा में चल रहे श्रद्धालुओं के लिए स्वल्पाहार की व्यवस्था की गई इसके पश्चात यात्रा का समापन पिटोल के हेमंत दुबे के परिवार में हुआ। इस यात्रा स्वागत के लिए धार झाबुआ अलीराजपुर के सांसद गुमान सिंह डामोर के साथ कई वरिष्ठ गणमान्य नागरिक थे। वही वही प्रदेश भाजपा कार्यकर्ता समिति के सदस्य शैलेष दुबे , ओम शर्मा पूर्व विधायक निर्मला भूरिया, महेंद्र सिंह ठाकुर निर्भय सिंह ठाकुर, बालकृष्ण नागर देवी सिंह नायक, लाला मेवाड़, हन्नान बोहरा, नंदकिशोर मोडिया, विनोद पंचाल, प्रतीक शाह, भूपेंद्र सिंह नायक एवं समस्त दुबे परिवार के सभी सदस्यों द्वारा महाराज श्री की भव्य अगवानी की गई इसके पश्चात महाराज श्री के श्री मुख से प्रवचन प्रवचन हुए।

इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य

संत श्री नर्मदा नंदजी बापजी द्वारा इस यात्रा के उद्देश्य के बारे में बताया गया कि इस यात्रा का मूल उद्देश्य जल जंगल जीव जमीन की रक्षा करना है। पर्यावरण शुद्धि के लिए ज्यादा से ज्यादा पौधों को लगाकर पर्यावरण शुद्ध बनाना पर्यावरण शुद्ध रहेगा तो हमारी अगली पीढिय़ों को ऑक्सीजन मिलेगा ज्यादा वृक्ष लगाएंगे। तो हमारी आने वाली पीढिय़ों को पर्यावरण से कोई तकलीफ नहीं होगी उसी प्रकार सनातन धर्म को बचाने के लिए संस्कृति की रक्षा करने के लिए गौ माता की रक्षा करना जरूरी है हर घर में गौ माता को पाली जाए उसके प्राणों की रक्षा की जाए वही पर्यावरण शुद्ध रखने के के लिए हमारे बच्चों की जन्मदिन एवं हमारे किसी भी शुभ अवसर पर एक पौधों की लगाने की परंपरा बननी चाहिए साथ ही हमारी नदियों को शुद्ध रखना होगा सिंगल यूज प्लास्टिक से होने वाले खतरों से लिए नदियों की साफ सफाई करना होगी वर्षों पूर्व हमारे घर के आसपास बहने वाले नाले भी शुद्ध कांच के पानी की तरह बहा कर रहे थे परंतु आज के परिवेश में नदिया सहित नदी नाले सब गंदे हो चुके हैं तो हमें जल संरक्षण भी करना होगा ताकि आने वाली पीढिय़ों को पानी मुहैया हो सके अभी 400 फीट नीचे पानी का जलस्तर नहीं है। इसलिए हमें जल संरक्षण भी करना होगा इसी प्रकार सभी युगों मे द् और सभी ने देवी.देवताओं ने रामकृष्ण सभी ने गौ माता की रक्षा की है और हमें भी गौ माता की रक्षा करना है इस राष्ट्रधर्म विजय पदयात्रा मैं समरसता को लेकर चल रही है भारतवर्ष के 130 करोड़ लोगों को समभाव लेकर चलना है महाराज श्री ने कहा कि मानव मात्र से प्रेम करना प्लास्टिक का प्रदूषण नहीं हो एवं सभी वर्ग धर्म के लोग एक साथ मिलकर भारत माता का गौरव बढ़ाएं भारत माता की रक्षा ही हमारा मूल मंत्र होना चाहिए राष्ट्रधर्म सर्वोपरि मानते हुए भारत माता की जय हमारा मूल मंत्र है। यह यात्रा उज्जैन होते हुए 27 जनवरी को ओकारेश्वर में समापन होगी इसके समापन के अवसर पर 13 अखाड़ों के साधु संतों सहित देश की कई गणमान्य हस्तियों के समक्ष समापन होगा।

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