हर्षोल्लास से मनी तेजा दशमी ; दर्शन वंदन कर काटी तांतिया

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अर्पित चोपड़ा@खवासा

यहाँ तेजा दशमी धूमधाम से मनाई गई। सुबह तेजाजी शोभायात्रा निकाली गई जो कस्बे का भ्रमण कर बामनिया रोड स्थित तेजाजी मंदिर पहुंची जहां दिनभर दर्शन-वंदन का दौर चलता रहा। मंदिर प्रांगण में तेजाजी महाराज के पंडाजी ने श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया। इसके बाद तांती काटने का सिलसिला शुरू हुआ जो दिनभर चलता रहा। क्षेत्रभर से हजारों लोगों ने यहां आकर दर्शन वंदन किए। इसके बाद जमकर खरीददारी भी की गई।

*वर्षभर में इसी दिन कटती है तांती*
क्षेत्रभर में मान्यता है कि किसी भी इंसान या मवेशी को जहरीले जानवर के काटने पर तेजाजी महाराज का नाम लेकर धागा बांध देने से जहर नहीं चढ़ता है। बांधा गया यह धागा जिसे तांती भी कहा जाता है केवल तेजा दशमी के दिन ही विधि विधान पूर्वक काटा जाता है। तांती काटने की शुरुआत मवेशी से की जाती है उसके बाद इंसान को बांधी गई तांती काटने का दौर शुरू होता है। खवासा तेजाजी मंदिर में ऐसे अनेक चमत्कारिक उदाहरण देखे जा सकते है। इस दौरान जाट परिवार के वरिष्ठ सदस्य और तेजाजी के पंडाजी हीरालाल जाट, नंदलाल भलोड़, प्रेमसिंह चौधरी, राजेश जाट, अशोक चौधरी, विपुल चौधरी, रोशन चौधरी, अनिरुद्ध जाट, कांतिलाल वागरेचा आदि उपस्थित थे।

सेमलिया में भी रही तेजा दशमी की धूम

सेमलिया में भी तेजा दशमी पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया मन्नत धारियों ने रंग-बिरंगे निशान चढ़ाकर अपनी मन्नत ऊतारी। बारिश के बावजूद भी निशान यात्रा में लोगों में भारी उत्साह देखा गया और ग्रामीणों ने तेजाजी महाराज के मंदिर पर पहुंचकर दर्शन लाभ लिया। देर शाम तक भक्तों की भारी भीड़ लगी रही मंदिर पर व्यवस्था की कमान जयस संगठन व तेजाजी मित्र मंडल के सदस्यों ने संभाली। तेजा दशमी के दिन ग्रामीण आदिवासी समाज उपवास रखते हुए अपनी खेती का कार्य नहीं करता हैं। तेजा दशमी के पहले अष्टमी और नवमी को तेजाजी मंदिर पर रात्रि में तेजाजी की कथा का भव्य आयोजन प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी किया गया।

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