झाबुआ / अलीराजपुर live डेस्क ।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अपने एक अहम फैसले में कहा है कि सभी सरकारी योजनाओं के लिए आधार कार्ड जरूरी नहीं है। कोर्ट ने केंद्र सरकार को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि इसका इस्तेमाल सिर्फ सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के लिए किया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिये आधार कार्ड एैच्छिक होगा। साथ ही न्यायालय ने आदेश दिया कि ऐसे कार्ड धारकों की कोई भी व्यक्तिगत जानकारी किसी भी प्राधिकारी के साथ साझा नहीं की जायेगी।
न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने आज पूर्वाह्न आधार योजना की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को संविधान पीठ को सौंपते हुये अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी का यह वक्तव्य दर्ज किया कि ‘आधार कार्ड की कोई भी व्यक्तिगत जानकारी किसी भी प्राधिकारी के साथ साझा नहीं की जायेगी।’ न्यायालय ने इस मामले में कई निर्देश दिये जिनका केन्द्र सरकार को इलेक्ट्रानिक और प्रिंट मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार करना होगा कि सरकारी योजनाओं का लाभ हासिल करने के लिये आधार कार्ड अनिवार्य नहीं होगा।
न्यायालय ने कहा, ‘आधार कार्ड का इस्तेमाल सार्वजनिक वितरण प्रणाली, मिट्टी के तेल और रसोई गैस के वितरण की प्रणाली के अलावा किसी अन्य मकसद के लिये नहीं किया जायेगा।’ शीर्ष अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा हासिल की गयी सूचना अदालत की अनुमति से अपराधिक मामलों की जांच के अलावा किसी अन्य मकसद के लिये इस्तेमाल नहीं की जायेगी। न्यायालय ने आधार योजना के तहत आधार कार्ड के लिये पंजीकरण प्रक्रिया पर रोक लगाने से इंकार करते हुये इसे चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं का यह अंतरिम अनुरोध अस्वीकार कर लिया।