सामाजिक बुराई ” शराब “के सहारे दूसरी सामाजिक बुराई ” खुले मे शोच ” से मुक्ति की कवायद ।

0

अलीराजपुर Live के लिए ” फिरोज खान बबलू ” की EXCLUSIVE रिपोर्ट ।

अलीराजपुर ” मध्यप्रदेश ” का पहला ऐसा जिला बना है जो स्वच्छ भारत अभियान के तहत ” खुले मे शोच ” की सामाजिक बुराई से मुक्ति के एक अन्य सामाजिक बुराई ” शराब ” का सहारा ले रहा है । दरअसल अलीराजपुर के कलेक्टर ” गणेश शंकर मिश्रा ” ने जिले मे ” रुपालु अलीराजपुर ” यानी ” सुंदर अलीराजपुर ” नाम का एक अभियान लांच किया हुआ है आम जनमानस मे खुले मे शोच से मुक्ति अभियान के लिए नित नये प्रयोग जिले मे हो रहे है चुंकि अलीराजपुर एक आदिवासी बहुल जिला है जिसमें आम जीवन से लेकर पूजा पद्यति ओर जीवन ( जन्म) से लेकर मरण ( मृत्यु ) तक शराब के इस्तेमाल की परंपरा है

इसलिए अलीराजपुर जिला प्रशाशन ने आबकारी विभाग के जरिए जिले की सभी 18 देशी – विदेशी शराब की दुकानों पर बिकने वाली सभी देशी – विदेशी शराब की हर साइज की बोटलो पर एक स्टीकर लगाकर बेचने का आदेश जारी कर उसे अमल मे लाना शुरु कर दिया है जिसमें खुले मे शोच करते एक कुत्ते ओर एक इंसान का फोटो है ओर जिस पर यह संदेश लिखा है कि ” जानवर तो शोचालय का इस्तेमाल नहीं कर सकते लेकिन इंसान तो कर सकते है । विगत एक सप्ताह से इस तरह के अलीराजपुर जिले मे सभी शराब की शाशकीय दुकानों पर इस तरह के स्टीकर लगाकर शराब बेची जा रही है ।

बिक्री पर नहीं पड़ा फक॔
=================
आबकारी विभाग ने जिस तरह से शोच करते हुए इंसान ओर कुत्ते के फोटो लगाए उससे कुछ लोगों को आपत्ति हो सकती थी लेकिन जिले की शराब दुकानों के सेल्समैनो का कहना है कि इससे उनकी ब्रिकी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है विदेशी शराब दुकान अलीराजपुर के सेल्समैन मनुसिंह कहते है कि शुरुआत मे एक दो दिन लोगों को अटपटा लगा लेकिन संदेश खुले मे शोच को खत्म करने का है इसलिए शराब खरीददार अब इसका स्वागत करते हुए कह रहे है कि यह संदेश दिमाग की घंटी पीते पीते बजा रहा है इसलिए अब वह भी घर मे शोचालय बनवाने का मन बना रहे है ऐसे ही एक अन्य सेल्समैन ” बाबुलाल शर्मा ” का कहना है कि उनकी देशी शराब की दुकान है ओर आबकारी के आदेश के बाद उनकी दुकान से सब बोटलो मे खुले मे शोच से मुक्ति का स्टीकर चिपकाकर बेचा जा रहा है । आखिर खाने पीने की चीजों मे खुले मे शोच वाला स्टीकर लगाना क्यो जरुरी था ? इसके जवाब मे कलेक्टर गणेश शंकर मिश्रा का कहना था कि हमारा वीजन साफ है कि लोग खुले मे शोच की कुप्रथा से बाहर निकले ओर उसके लिए हम अलग अलग माध्यमों का इस्तेमाल कर रहे है ऐसा ही इस्तेमाल हमने शराब की दुकानों के जरिए बिकने वाली शराब मे स्टीकर लगाकर किया है उम्मीद है बेहतर परिणाम आयेंगे । आबकारी विभाग के सहायक आयुक्त नागेश्वर सोनकेसरी कहते है कि उनके कलेक्टर के मन मे ख्याल आया ओर उन्होंने उनसे पूछा कि क्या यह संभव है तो हमने जनहित मे यह संभव कर दिखाया । सोनकेसरी कहते है कि भले भी शराब के एक सामाजिक बुराई है लेकिन इसके जरिए ही अगर खुले मे शोच से मुक्ति की प्रेरणा अगर पीने वाले तबके को मिल जाये तो इसमें कोई बुराई नहीं है । इस संबंध मे एक खरीददार रवि भिंडे का कहना है कि यह अच्छा संदेश है मेरे घर भी शोचालय नहीं है लेकिन अब शराब की बोटल देखकर मन बना लिया है कि शोचालय बनाऊंगा ।

1 नवंबर तक खुले मे शोच से मुक्ति का है लक्ष्य
=============================
अलीराजपुर जिला प्रशाशन ने आगामी 1 नवंबर 2017 तक अलीराजपुर जिले की सभी 288 ग्राम पंचायतों को खुले मे शोच से मुक्त करवाने ओर जिले को रुपालु अलीराजपुर घोषित करने का महा अभियान छेडा हुआ है उसी कडी मे कई कदम उठाए गये है जिनमें से एक कदम शराब के जरिए खुले मे शोच से मुक्ति का संदेश देना है ।

Leave A Reply

Your email address will not be published.