सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वहन कर मां त्रिपुरा कॉलेज के विद्यार्थियों ने नुक्कड़ नाटक में कोरोना महामारी से बचाव की दी जानकारियां

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दिनेश वर्मा, झाबुआ
क्षेत्र में कोरोना का प्रभाव वैसे तो कम है, किंतु यह देखने में आ रहा है कि जनसामान्य में कोरोना के प्रति लापरवाही बढ़ती जा रही है। अनेकों अवसरों पर देखा गया है कि लोग न तो मास्क का उपयोग कर रहे हैं और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। जबकि कोरोना से बचाव के लिए मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग ही एकमात्र उपाय है। क्षेत्र के लोगों को कोरोना के प्रति जागरुक करने के उद्देश्य को लेकर स्थानीय मां त्रिपुरा कॉलेज ऑफ नर्सिंग के छात्र-छात्राओं ने आज बस स्टैंड, फव्वारा चौक, तथा राजवाड़ा पर नुक्कड़ नाटक किया। प्रत्येक स्थान पर लगभग आधे घंटे के नक्कड़ नाटक में 25 छात्र-छात्राओं के समूह ने कोरोना के लक्षण तथा उससे बचाव के तरीके अत्यंत ही रोचक तरीके से बताए। इस आदिवासी अंचल में अब भी सामान्य बीमारियों में झाड फूंक, टोने-टोटके का प्रचलन है।

इस नुक्कड़ नाटक में इस बात पर विशेष जोर दिया कि स्वास्थ्य संबंधी किसी भी प्रकार कीपरेशानी आने पर टोने-टोटके, झाड़-फूंक में समय नष्ट करने के बजाय तत्काल चिकित्सा सहायता लेना चाहिए। इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह में बिना मास्क के व्यक्तियों को मास्क का नि:शुल्क वितरण भी किया गया। संस्था के संचालक ओम शर्मा ने बताया कि क्षेत्र में कोरोना के प्रति लापरवाही के कारण भविष्य में विकट स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती तब तक मास्क का उपयोग तथा सोशल डिस्टेंसिंग ही इस महामारी से बचाव का एक महामंत्र है। इस महामारी के प्रति जागरुकता में कमी को देखते हुए छात्रों ने अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए इस प्रकार के जागरुक नुक्कड़ नाटक के आयोजन किए जो सराहनीय है। नुक्कड़ नाटक का सफल मंचन किरण शर्मा के निर्देशन में हुआ। नर्सिंग कॉलेज के प्राचार्य कपिल राठौर तथा सपना भूरिया का कार्यक्रम को सफल बनाने में विशेष योगदान रहा। इस अवसर पर संस्था की करिश्मा सोनी, मिरून देबनाथ, निलेश त्रिवेदी, नरेश गरासिया, विनोद नायक आदि मौजूद थे।

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