सविंधान के बनने के बाद आदिवासी बाहुल्य जिले में मना पहली बार सविंधान दिवस;   मुंबई हमले के शहीदों को दी श्रद्धांजलि 

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पियुष चन्देल, अलीराजपुर

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26 नवम्बर 1949 को इस देश को सुचारू रूप से चलाने हेतु एक लिखित दस्तावेज उपलब्ध हुआ था, जिसे सविंधान कहते है, और आज वो इस देश की आत्मा है। इसे बनाये रखने का संकल्प दिलाया गया। अलीराजपुर के स्थानीय बस स्टैंड पर 26/11 मुंबई में आतंकवादी हमले में हुए शहीदों को नमन करते हुए शाम 7 बजे से वैचारिक संगोष्टि प्रारंभ हुई, जिसमें नगर के सभी हिन्दू मुस्लिम, सिख, ईसाई व सर्व समाज के लोग उपस्थित हुए और इस कार्यक्रम में भाग लेकर अपने अपने विचार व्यक्त किये।
इस कार्यक्रम के सूत्रधार गुडू सेमलिया, सालम, राजेन्द्र सोलंकी रहे और पूरी तैयारी कर सभी समाज जनो को निमंत्रण देने का कार्य किया जिसमे ब्राह्मण समाज के निरंजन मेहता, मुस्लिम समुदाय के काजी साहब, सबजन विकास समिति के इरसाद कुरेशी, अखिल भारतीय पत्रकार संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष विक्रम सेन, राठौर व माली सहित कही समाज के लोगो ने भाग लिया और वैचारिक संगोष्ठी में सविंधान की महत्ता और उसके सही क्रियान्वयन हेतु विचार रखे।
ब्राह्मण समाज के जिलाध्यक्ष श्री मेहता द्वारा बड़े ही सरल शब्दों में बाबा साहेब के सँघर्षमयी जीवन का उल्लेख करते हुए उनके द्वारा लिखा गया ये सविंधान विश्व का सर्वश्रेष्ठ बताया जिस पर चलकर इस देश का प्रत्येक नागरिक अपनी समस्याओं का हल निकाल सकता है।
मुस्लिम समाज और सबजन विकास समिती के इरसाद कुरैशी द्वारा सविंधान को सर्व समाज और सर्व धर्म हितेषी सबको समान अवसर देकर देश की उन्नति संचालित करने में अमूल्य योगदान बताकर भाईचारे का सन्देश दिया।  जयस जिलाध्यक्ष मुकेश रावत द्वारा सविंधान विरोधी लोगो को देशद्रोही घोषित करने की मांग की। अखिल भारतीय पत्रकार संघ के अध्यक्ष श्री सेन ने कहा कि कुछ गद्दारों की वजह से सविंधान खतरे में है, और ये वो लोग है, जो देश की ऐकता अखंडता को बर्बाद करने में लगे है। ऐसी संकुचित मानसिकता वाले लोगो पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कर उन्हें कठोर सजा देने की बात कही।
अजाक्स जिलाध्यक्ष श्री नरेंद्र भयडिया द्वारा सविंधान की महत्ता ओर देश की ऐकता पर बल दिया। संचालन बहुत ही सरल व सहज तरीके से संगीता चौहान व विक्रम चौहान द्वारा किया गया।  केरम जमरा द्वारा सविंधान का महत्व उदाहरण देकर सरल शब्दों में बताया। नितेश अलावा द्वारा अपने आक्रोशित अंदाज में सविंधान विरोधी गतिविधियों को सार्वजनिक कर बाबा साहेब द्वारा दिये बलिदानों के बारे मे बताया और सविंधान को राष्ट्रीय ग्रंथ बताया। देश की आत्मा बताकर देश की राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर पर सविंधान की प्रतियां जलाने वालो के ऊपर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग की। समाज के भीमसिंह मसानिया व शंकर तड़वाल द्वारा सविंधान के बारे में विस्तृत चर्चा कर बहुमूल्य जानकारी दी। कार्यक्रम में स्वागत भाषण भंगूसिंह तोमर ने दिया और आभार रतनसिंह रावत द्वारा माना और कार्यक्रम को समाप्त करने से पहले 26/11 मुंबई हमले में शहीद हुए जवानों की शहादत को याद करते हुए श्रद्धांजलि देकर राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम के समाप्ति की घोषणा हुई। इस दौरान काफी संख्या में समाज जन उपस्थित रहे।

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