सलाम है, ऐसे जज्बे को – किस्मत और सरकार को कोसने वालो को करारा जवाब

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पियुष चन्देल अलीराजपुर
वर्तमान में सक्षम और पड़े लिखे युवा लोग अक्सर ये कहते हुए मिल जाएंगे कि ” क्या यार मेरी तो किस्मत ही खराब है, मेरी किस्मत में तो ये नौकरी ही नही है।” या फिर “क्या यार ये सरकार तो हमारे रोजगार के लिए कुछ नही कर रही है।”
इस तरह से अपनी किस्मत और सरकार को कोसने वालो को हम मिलवाना चाहेंगे एक ऐसी शख्सियत से जिसने चरितार्थ किया है, इन शब्दों को की कौन कहता है, आसमां मे सुराख नहीं होता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो।
ये शख्स है, अलीराजपुर जिले के ग्राम कोटबु मे रहने वाले खर सिंह भाई। दोनो पैरो से विकंलाग और एक आंख मे तकलीफ़ होने के बावजूद भी खर सिंह भाई ने कभी अपनी शारीरक अक्षमता को हावी नहीं होने दिया।
वर्तमान में खर सिंह भाई अलीराजपुर के सेमलपाटी क्षेत्र में रहते है, और सब्जियाँ बेचने का व्यवसाय करते है। इनके पास तिपहिया सायकल है, जिस पर खरसिंह भाई सब्जियां लाद कर अलीराजपुर के गली मोहल्लों मे बेचने के लिए निकल पडते है, और प्रतिदिन लगभग 200 से 300 रू कमा लेते है। ये उदाहरण है, उन लोगों के लिये जो स्वरोजगार से दुर भागते है।
गौरतलब है, कि विगत दिनो जब नगरपालिका प्रशासन ने सब्जी मंडी को अन्यत्र स्थानांतरित किया था, तब बिना किसी विरोध के खर सिंह भाई ने प्रशासन के इस निर्णय को स्वीकार करते हुए सबसे पहले अपनी सब्जी की दुकान फतेह क्लब प्रांगण मे लगाई थी।

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