सरकारी अनाज की कालाबजारी करने वाले दोषियों पर कार्रवाई के लिए प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

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आलीराजपुर। गुरुवार देर शाम आंबुआ थाना क्षेत्र से अनाज से भरा एक ट्रक जप्त किया था । मामले की जांच की गई तो पता चला उक्त अनाज से भरा ट्रक भाभरा ब्लॉक के बेहडवा भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) गोदाम से भरकर सुरत ले जाया जा रहा था । राजस्व विभाग की टीम द्वारा पुरे मामले में बेहडवा व जोबट एफसीआई गोदाम सील कर अगले दिन स्टॉक की जांच की व समाचार लिखे जाने तक किसी भी प्रकार की मामले में एफआईआर दर्ज नही हुई है।

उक्त अनाज कालाबाजारी को लेकर कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष महेश पटेल ने कमर कसते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखते हुए पुरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों पर कडी से कडी कार्यवाही व  जेल भेजने की मांग की है । पटेल ने अपने पत्र में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है जो इस प्रकार है । 

गोदाम के माल मे गाड़ी के माल का सेम्पल मिलान किया जावें।

जिस गोदाम से गाड़ी भरी है, उस गोदाम की पुरी जांच की जावें।

सरकारी माल के बोरे गोदाम मे ही बदलकर प्रायवेट बोरे बदले जाते है, और गाड़ी फिर भरी जाती है, ताकि लगे कि मॉल प्रायवेट है।

सरकारी मॉल प्रायवेट बारदान मे भरने से मॉल प्रायवेट नहीं हो जाता है, मॉल तो सरकारी है, और सरकारी ही रहेगा। जिस व्यापारी ने प्रायवेट बिलटी, चालान बनाये है, उसकी भी जांच होनी चाहिए। वह ये माल कहा से लाया है, और उसका क्या कमिशन है, सरकारी मॉल के प्रायवेट चालान, बिल बनाने में उसके उपर भी एफआईआर होना चाहिए।

2 यह पुरा काम संबंधित ठेकेदार और गोदाम प्रभारी और दुकान के बिच काम होता है। इसके उपर एफआईआर दर्ज की जावें जनवरी 2022 मे अभी तक के महिने का आवंटन पर किस दुकान को माल चालु माह में ही अगले माह का भी आवंटन दे दिया जाता है। यह नियम के विरुद्ध है। महिने वाईज पुरे चालानो की जांच होना चाहिए।

किस किस दुकान का चालु माह में ही अगले माह का आवंटन दे दिया जाता है जबकि दुसरी बिना सेटिंग वाली दुकानों को माल नहीं मिलता है। ठेकेदार नेताओं के संरक्षण में पिछले 20 वर्षों से काम कर रह है, उसकी आय से अधिक संपत्ति की जांच होना चाहिए। करोड़ो की सम्पत्ति कहा से आई है। इसकी जांच की जावें।

श्रीमान जी बिलकुल सही से जांच की जावेगी तो ही गरीबो के माल पर डाका डालकर यह लोग करोड़ो रुपये जो कमाई कर रहे है वो पुरी तरह से सामने आ जावेगा। ठेकेदार गोदाम प्रभारी और जिस जिस दुकानों के चालु माह के ही अगले माह के एडी चालान बनते है. इस पर भी एफआईआर होनी चाहिए। ताकि गरीबो के अनाज पर डाका डालने वाले बेनकाब हो सके। गाड़ी सरकारी गोदाम से भरकर शाम 5 बजे निकल कर आम्बुआ पेट्रोल पम्प पर खड़ी रहती है, और 2 घण्टे तक प्रायवेट बिल चालान नहीं बनते है. इससे यह सिद्ध हो जाता है कि मॉल सरकारी था। क्योंकि प्रायवेट मॉल के तो बिल चालान हाथो हाथ गाड़ी के साथ ही बन जाते है। फिर दो घण्टे से ज्यादा समय क्यो लगा। कम्प्युटर डाटा एन्ट्री से गौदाम का बैलेन्स का मिलान किया जावें। दोनो गोदाम का अलग-अलग।

बेहड़वा गोदाम का जो बैलेन्स है, कम्प्युटर मे वही बैलेन्स गौदाम मे होना चाहिए। जोबट गोदाम मे जो कम्प्युटर मे बैलेन्स है, वही बैलेन्स जोबट गोदाम मे होना चाहिए।

हाथ से बैलेन्स लिखा हुआ या जोबट और बेहड़वा दोनो गोदाम का बैलेन्स एक साथ मिलाकर मान्य नहीं करे, रजिस्टर्ड रिकार्ड को मान्य नहीं करे। ड्रायवर द्वारा बोला गया है कि बेहड़वा गोदाम से गाड़ी भरी है, इसलिए अतिशिघ्र ठेकेदार और गोदाम प्रभारी के उपर एफआईआर कराई जावे ताकि जांच सही से हो सके।

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