सडक़ किनारे पेड़ के नीचे शिक्षिकाओं ने कराई प्रसूति

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अलीराजपुर लाइव के लिए अलीराजपुर से रिजवान खान की रिपोर्ट-
जिला मुख्यालय से मात्र5 किमी दूर ग्राम हरसवाट में मंगलवार को जननी सुरक्षा वाहन डेढ़ घंटे तक नहीं पहुंची। ऐसे में सडक़ किनारे पेड़ के नीचे ही प्रसुति हो गई। इसमें शिक्षिकाओं ने मदद की। जिले में स्वास्थ्य व चिकित्सा विभाग और राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिषन को संस्थागत प्रसव कराने में अपेक्षित सफलता नहीं मिल रही है। अब भी 100 में से 33 मामलों में संस्थागत प्रसव नहीं हो पाता और खुले में या घरों में ही प्रसुति हो जाती है। माह अप्रैल से माह जून के दौरान 4702 प्रसव हुए, जिसमें से 1013 असंस्थागत प्रसव और 3689 संस्थागत प्रसव हुए। जानकारी के अनुसार ग्राम के डावर फलिया निवासी ईडी पति पातालसिंह उर्फ पातू डावर को जिला अस्पताल लाया जा रहा था, लेकिन जननी सुरक्षा वाहन नहीं मिलने से खुले में सडक़ पर ही प्रसुति हो गई। पति पातालसिंह ने इन्दौर समाचार को बताया कि मंगलवार सुबह करीब 7 बजे इडी को प्रसव पीड़ा होने लगी। ग्राम से मुख्य सडक़ तक आने के लिये कोई साधन नहीं होने से वह पगडंडी से साईकल पर ईडी को बैठाकर हरसवाट स्कूल तक लायाए जहां खण्डवा बड़ौदा मार्ग से 5 किमी दूर जिला चिकित्सालय ले जाना था। वहां जाकर जिला चिकित्सालय जननी सुरक्षा वाहन के लिये फोन लगायाए किंतु बार-बार फोन लगाने के बाद भी जननी वाहन नहीं आया। कुछ ही देर में ईडी की प्रसव पीड़ा बढ़ गई तो वह जमीन पर लेट गई। इसकी सूचना स्कूल जा रही छात्राओं ने शिक्षिकाओं बीरज चौहान, अनिता वर्मा आदि को दी। सभी शिक्षिकाए तुरंत मौके पर पहुंच गई। शिक्षिकाओं ने भी जिला चिकित्सालय फोन लगाएए किन्तु वाहन समय पर नहीं पहुंचा। अंतत: उन्होनें ही वहां पर प्रसव करवाया। इसके लिये खटियाए दरी आदि की आड़ लगाई गई। आसपास की महिलाए भी आ गई। कुछ ही देर में ईडी ने खुले में सडक़ पर ही शिशु को जन्म दिया। प्रसव के आधे घंटे बाद जननी एक्सप्रेस वाहन मौके पर पहुंचाए जब जाकर ईडी और नवजात को जिला चिकित्सालय पहुंचाया गया। चिकित्सकों के अनुसार जच्चा.बच्चा दोनों स्वस्थ है।
इंतजार करते.करते हो गई प्रसूति-
शिक्षिका अनिता वर्मा और बिरज चैहान के अनुसार ईडी प्रसव पीड़ा से करहा रही थी। हमने कई बार जिला चिकित्सालय के कॉल सेन्टर पर जननी वाहन के लिये फोन लगायाए लेकिन मात्र 5 किमी दूर तक जननी वाहन नहीं पहुंचा। अंतत: हमने मिलकर वहीं पर प्रसुति करवाई। यह क्षण हमारे लिये बेहद कष्टप्रद था और होने वाले नवजात की चिंता भी थी, लेकिन प्रसुति सामान्य ढंग से हो गई। हमने तो महिला होने के नाते अपना फर्ज निभाया। ईडी के पति पातू ने भी नाराजगी जताते हुए कहा घर से भी फोन लगाया और यहां सडक़ पर खड़े होकर भी फोन किए, लेकिन आखिर में शिक्षिकाओं ने सहयोग किया। हरसवाट के ग्रामीणों में जननी वाहन के समय पर नहीं पहुंचने से काफी नाराजगी है। सबने शिकायत की है कि महिला काफी देर तक तड़पती रही, लेकिन जननी वाहन नहीं आया। सरपंच चंदरसिंह चौहान ने बताया कि इस मामले में विधायक नागरसिंह चौहान के साथ कलेक्टर शेखर वर्मा से भी शिकायत करेंगें।
जागरूकताए अशिक्षा और अज्ञानता है कारण-
जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. अजहर अली ने इन्दौर समाचार को बताया कि जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के दौरान संस्थागत प्रसव कार्यक्रम पूरे जिले में चलाया जा रहा है, लेकिन ग्रामीण अंचल में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकताए अशिक्षा व अज्ञानता के चलते हमें वांछित सफलता नहीं मिल रही है। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के जिला मूल्यांकन एवं अनुश्रवण अधिकारी आशीष कुमावत ने बताया कि 16 अप्रैल से 16 जून तक जिले में कुल 4702 प्रसुति हुईए जिनमे से 3689 संस्थागत प्रसव व 1013 असंस्थागत प्रसव हुए।

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