फिरोज खान, अलीराजपुर
जिले के संविदाकर्मियों ने मुख्यमंत्री और पंचायत मंत्री के नाम एक ज्ञापन विधायक मुकेश पटेल को सौंपा। जिस पर विधायक पटेल ने उन्हे सीएम और मंत्री तक ज्ञापन पहुंचाने का आश्वासन देकर उचित कार्रवाई में सहयोग का आश्वासन दिया। सौंपे गए ज्ञापन में संविदाकर्मियों ने बताया कि 6 फरवरी की विडियों कान्फ्रेस में अपर मुख्य सचिव का उपस्थिति में मनरेगा आयुक्त एवं मुख्यकार्यपालन अधिकारी मप्र डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने निर्देश दिये है कि, “संविदा कर्मियों की सेवा जब चाहों समाप्त करों” इसके लिए किसी नोटिस की जरूरत है, न कोई आरोप, न कोई सूनवाई, न जॉच बस उसका अनुबंध मत करो और इस संबंध में मनेरगा परिषद एवं आजीविका मिशन कार्यालय भोपाल से एक साफ्टवेयर बनाया जा रहा है। उसमें जब तक अनुबंध अपलोड नही होगा तक तक संबधित कर्मचारी का वेतन आहरित नही किया जा सकेगा, अर्थात आयुक्त मनरेगा एवं एनआरएलएम तथा उनकी तरह सोच रखने वाले अधिकारियों के साथ मिलकर संविदा कर्मचारियों के ब्लैक मेंलिग का एक सिस्टम तैयार किया जा रहा है जो पूर्णतः अतार्किक / अन्यायपूर्ण एवं
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी संविदा नीति 05/06/2018 के विरूद्ध है। इसके पश्चात आयुक्त महोदया मनरेगा द्वारा संविदा कर्मचारियों के वाषिर्क अनुबंध हेतु नवीन APR (Annual progress report) तैयार की गई है जो कि अत्यन्त अप्रांसगिक एवं विसंगती पूर्ण है, इस प्रकार के संविदा विरोधी निर्णय से समस्त संविदा कर्मचारी प्रताडित महसूस कर रहे है एवं आकरोशित है। जबकि मुख्यमंत्री के वचन एवं सामान्य प्रशासन विभाग की नीति दिनांक 05.06.2020 की कंडिका क0 1.1.4.1 में स्पष्ट उल्लेख है कि , बिना किसी गम्भीर अपराध के युक्तीयुक्त सुनवाई के उपरांत दोष सिद्धी के अलावा किसी संविदाकर्मी की सेवा समाप्त नही की जावेगी । प्रदेश के समस्त संविदा कर्मचारी उक्त APR का विरोध करते है एवं माननीय महोदय से निवेदन करते है कि उक्त APR को निरस्त करने की कृपा करें, अन्यथा की स्थिति में प्रदेश के समस्त संविदाकर्मी आगामी कार्यवाही हेतु बाध्य होगे । ज्ञापन सौंपे जाने के दौरान संविदाकर्मी विनय जायसवाल, प्रशांत मेहता, विजय सोनी, नान सिंह चौहान शिवराम मंडलोई, देवेंद्र गोयल, नितेश सोलंकी आदि मौजूद थे।
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