जितेन्द्र वाणी, नानपुर
हिन्दू धर्म में मान्यताओ के आधार पर हम यह कह सकते है कि प्रत्येक जीव में परमात्मा का वास है | मनुष्य जीवन चौरासी लाख योनियों के पश्चात बड़े जतन से प्राप्त होता है | हमारे धार्मिक ग्रंथो में आख्यान आते है कि मनुष्य जीवन में सोलह संस्कार होते है, जिसमे सोहलवा संस्कार अंतिम संस्कार कहा गया है |
हमारे यहाँ कर्मो के आधार पर मोक्ष की कामना की गई है | स्कन्द पुराण, गरुड़ पुराण, ब्रम्ह पुराण, वराह पुराण अर्थात शास्त्रों में कहा गया है की ब्रह्म सत्य है जगत मिथ्या है | “ रोपकार: पुण्याय पापाय परपीडनम ” महर्षि व्यास महाराज कहते है – दुसरो का उपकार करने से पुण्य प्राप्त होता है और दुःख देने से पाप की प्राप्ति होती है |
आज के इस आपा धापी के युग में हमारी सनातन संस्कृति व मान्यताओ को आधार बनाकर आलीराजपुर नगर के समग्र हिन्दू समाज के सामूहिक उत्तरदायित्व एवं सुख दुख में एक दुसरे के साथ रहने की हमारी गौरवशाली सनातन परम्परा के अनुसार हमारे नगर के अपने किसी परिवार के दुख की इस घड़ी में उस परिवार जनों को अन्तिम संस्कार से सम्बंधित किसी प्रकार की चिन्ता या व्यवस्था से मुक्त करने एवं एकात्म भाव को स्थापित करने के पवित्र उद्देश्य से पंचेश्वर धाम समिति द्वारा परिसर स्थित मुक्तिधाम पर 1 रूपये में अंत्येष्टि संस्कार करवाने का निर्णय पूर्व में बैठको में सामूहिक रूप से जनहित व सामूहिकता के सूत्र को मजबूती प्रदान करने के लिए लिया गया था | इस पवित्र पुण्यदायी कार्य का आरम्भ श्रावण सोमवार, हरियाली व सोमवती अमावस्या के शुभ दिन प्रथम अन्तिम संस्कार ब्राम्हण समाज के ओमप्रकाश शर्मा एवं राधेश्याम शर्मा की माताजी एवं स्वर्गीय पित्तलमल शर्मा की पत्नी सोहनबाई शर्मा जिनको सभी सोहन भुआजी के नाम से जानते है जिनका देवलोकगमन के अवसर पर पंचेश्वर धाम समिति की नविन व्यवस्था अनुरूप अंत्येष्टि संस्कार सम्प्पन किया गया | इस पूण्य मोक्षदायी कार्य के प्रारम्भ के समय तब और धार्मिक व् आध्यात्मिक उल्लास का क्षण उत्प्पन हो गया जब वहा उपस्थित विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ पदाधिकारी गणपतलाल गुप्ता( बालाजी ट्रेक्टर) द्वारा स्वैच्छिक रूप से प्रेरित हो कर घोषणा करते हुए अवगत करवाया कि एक वर्ष में जितनी भी अंत्येष्टिया होगी उन सबका जो भी व्यय होगा वह पंचेश्वर धाम समिति को भुगतान करेगे | नगर में दानदाताओ की कोई कमी नहीं है, इसी समय एक और घोषणा करते हुए शैलू राठोड़ पिता जगदीश राठोड़ ने भी अपनी और से 11 अंत्येष्टियो की व्यय राशी समिति को भुगतान करेगे |
पंचेश्वर धाम समिति द्वारा लिए गये निर्णय अनुसार किसी भी व्यक्ति का अंतिम संस्कार पंचेश्वर धाम परिसर स्थित मुक्तिधाम पर किया जाता है तो पंचतत्व में विलीन के समय प्रयोग होने वाली लकड़ी, कंडे, घी, चन्दन, हवन सामग्री, शकर इत्यादि की समस्त व्यवस्था श्री पंचेश्वर धाम समिति द्वारा शोकाकुल परिजनों से मात्र 1 रूपये (एक रूपये) की राशी प्राप्त कर निशुल्क प्रदान की जावेगी | पंचेश्वर धाम समिति इस पुण्यदायी कार्य में सहयोग देनेवाले दानदाताओ गणपतलाल गुप्ता एवं शैलू राठोड़ का सम्मान पूर्वक आभार व्यक्त करती है साथ ही सम्पूर्ण नगर की धर्मप्रेमी जनता से आव्हान करती है कि आपके अपने नगर की धार्मिक, ऐतिहासिक, पौराणिक, प्राचीन धरोहर श्री पंचेश्वर धाम परिसर के अंतर्गत संपन्न होने वाले निशुल्क अंत्येष्टि संस्कार जैसे पुण्यदायी कार्य में तन, मन, धन से सहयोग प्रदान करने की विनम्र प्रार्थना करती है |