उदयगढ़। बुधवार को शीतला सप्तमी पर्व मनाया जाएगा। जूनी कनास स्थित प्राचीन शीतला माता मंदिर पर बडी तादात में श्रद्धालु महिला, पुरुष एवं बच्चों का तांता लगेगा। अल सुबह 4 बजे से ही सज संवर कर महिलाएं शीतला माता मंदिर पंहुचकर शीतल तरीके से माता की पूजा आराधना कर कामना करेगी कि माता उन्हें वैभव प्रदान करे। अच्छी वर्षा हो, खूब अन्न पके, घर-परिवार-गांव पर विपदा न आए और शांति से सब मिल जुल कर रहे।
हर शुभ काम से पहले लेते हैं माता का आशीर्वाद
यहां पर हर शुभ काम से पहले शीतला माता को पूजने की परम्परा काफी पुरानी है। विवाह हो या गृह प्रवेश अथवा कोई भी शुभ संस्कार, हर काम की शुरुआत माता के आशीर्वाद से होती है। श्रद्धालुओं की आस्था को प्रबल बनाती है यहां पूरी होने वाली मनोकामना। ग्रामीण आदिवासी समुदाय की भी माता के प्रति गहरी आस्था है, वे भी यहां श्रद्धा के साथ शीश नवाते हैं।
वर्षो पहले उदयगढ़ को कहा जाता था कनास
उदयगढ़ को पहले कनास के नाम से जाना जाता था और वर्तमान में जहां शीतला माता मंदिर है वहीं पर बसा था। यहां के वरिष्ठ नागरिक मोहनलाल राठौड़ के अनुसार कनास में बार-बार होने वाली आगजनी की घटनाओं को दैविय प्रकोप मान कर तद् समय के कनास वासियों ने निवास स्थान बदला और नई बसाहट का नामकरण उदयगढ़ किया। माली एवं राठौड़ समाज के लोगों की खेती बाडी कनास में ही है। आज भी पहचान के तौर पर उदयगढ़ (कनास) लिखा जाता है। कनास क्षेत्र को सरकारी कामकाजी उल्लेख में परताप फलिया नाम से जाना जाता हे। इसी क्षेत्र में दाउदी बोहरा समाज की प्राचीन दरगाह बूजी मां काल भैरव, शंकर एवं दक्षीणमुखी हनुमान मंदिर सहित पुरानी बावड़ी आदि भी है।
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