शीतलहर में अंबडेकर कमेटी मंच के बैनर तले सीएए-एनआरसी के विरोध में धरना-प्रदर्शन में उमड़ी भीड़, कहा-दिल्ली की तर्ज पर जारी रहेगा धरना
फिरोज खान, ब्यूरो चीफ अलीराजपुर
अंबेडकर कमेटी मंच के तत्वावधान मे सीएए एवं नागरिकता संशोधन कानून के विरोध मे मुस्लिम समाजजनो द्वारा गत रविवार से अनिश्चितकालिन धरना आंदोलन प्रारंभ हुआ। जिसमे समाज के पुरुष, महिलाए, युवाजन सहित बच्चे भी बडी संख्या मे शामील हुए। धरना-प्रदर्शन मे हर कोई सीएए ओर एनआरसी के विरोध मे केंद्र सरकार के काले इस कानुन को कोस रहा था। जारी शीत लहर ओर कपकपाती ठंड में धरना स्थल पर महिलाओं एवं युवाओ द्वारा सीएए के विरोध में जमकर नारेबाजी की एवं उनका जोश देखते ही बनता है। महिलाओं एवं युवाओ के हाथों में प्लेकार्ड पर सीएए वापस लो, काला कानुन वापस लो जैसे नारे लिखे हुवे हैं। धरने पर बैठे हर किसी की जुबां पर देशभक्ति नारे हिन्दुस्तान जिन्दाबाद, इंकलाब जिन्दाबाद थे।
हमारी लडाई किसी धर्म के खिलाफ नही, केंद्र की मोजुदा सरकार से है
महिलाओं के धरने पर बैठने की सूचना के बाद कई पुरुष प्रदर्शनकारियों का भी रविवार रात्री ओर सोमवार को जमावड़ा लग गया। महिलाओं के साथ छोटे-छोटे बच्चे भी प्रदर्शन में शामिल थे। बच्चे हाथों में तिरंगा लेकर नारे लगाते हुए अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं। रविवार रात्री को हुए धरना-प्रर्दशन को संबोधित करते हुए शहर काजी प्रभारी सेयद हनिफ मियां ने कहा कि हमारी लडाई किसी भी धर्म या किसी जाती के खिलाफ नही है, लडाई केंद्र की मोजुदा भारत सरकार से है। जिसने देश मे सीएए एवं नागरिकता संशोधन जेसा काला कानून लागु लाद दिया है। इस कानुन मे मुस्लिम समाजजनो के साथ सोतेला व्यवहार किया गया है। उन्होने कहा कि आजादी के बटवारे के पुर्व जिन लोगो को पाकिस्तान जाना था वह चले गए ओर जिनको भारत से प्यार ओर लगाव था वह यहा ही रह गए। हमारे पुर्वज ना कभी पाकिस्तान गए थे ना ही हमारा पाकिस्तान से कोई रिश्ता नाता है। ना ही हम नवाज शरीफ की मां से मिलने गए ना ही हमने कभी वहा कि बिरयानी खाई है। हम पेदा भारत मे हुए है ओर दफन भी मादरे वतन भारत मे होगे। उन्होने धरने पर बेठे लोगो से अपील की हे कि वह नगर के सामाजिक सोहार्द्ध को देखते हुए लोकतांत्रिक रुप से शांतिपुर्वक प्रदर्शन करे। इस दोरान शाबीर बाबा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लागू किया गया यह कानून देश हित में नहीं है। जिससे देश में अराजकता और भय का वातावरण बना हुआ है। इस कानून से देशवासियों को तोड़ने का काम किया जा रहा है। यह देश सभी धर्म संप्रदाय का देश है, लेकिन सरकार इस तरह का कानून लाकर मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ अन्याय कर रही है। मशहुर शायर सिराज तंहा ने शायराना अंदाज मे कहा कि भारत देश की आजादी मे सभी धर्मो के लोगो की शहादत शामील है। हम इस देश की एकता, अखंडता और भाईचारा को कभी टूटने नहीं देगें। मोहम्मद हुसेन पाकिजा ने कहा कि सीएए ओर एनआरसी जेसा कानुन देशहित मे नही है, मोजुदा भारत सरकार को इस कानुन को लागु करने से पहले पुर्नविचार करना चाहिए। जिससे देश के अल्पसंख्यको को राहत मिल सके। अजहर चंदेरी सोनु ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री को देश के अल्पसंख्यको कि चिंता होनी चाहिए। केंद्र सरकार एनआरसी के माध्यम से मुसलमानों का उत्पीड़न कर रही है। सरकार सीएए लाकर नगरिकता को भी धर्म से जोड़ना चाहती है, जो संविधान के विरुद्ध है। धरने को कई वक्ताओ ने संबोधित कर सीएए ओर एनआरसी को देशहित और मुस्लिम समाज के हित में न होने की बात कहते हुए उक्त कानून को वापस लिए जाने की मांग उठाई। इसी बीच आंदोलकारियों ने कहा कि दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर धरना प्रदर्शन आगामी दिनों तक जारी रहेगा।
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