शिवराज सरकार ही नहीं चाहती है कि आदिवासी गरीबों का राशन उनके घर तक पहुंचे, जिले में भ्रष्टाचार चरम पर

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आलीराजपुर। जिले में लगातार राशन की हेरा-फेरी और गबन के मामले सामने आ रहे है। जिसका कारण यह है कि जिले के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा राशन की हेरा-फेरी को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। राशन के मामले में मैने शिवराज सरकार और उनके प्रशासन को कई बार पत्र और समाचार के माध्यम से अवगत भी करवाया। लेकिन सरकार और प्रशासन का इस और कोई ध्यान ही नही है। जिसका नतीजा यह है कि आए दिन सरकारी राशन दुकानों और गोडाउन से गरीब लोगों के राशन पर ठेकेदारों और रसुखदारो द्वारा डाका डालकर बैखौफ होकर राशन की हेराफेरी धडल्ले से की जा रही है। मैने जिला प्रशासन को कई बार प्रत्र के माध्यम से अवगत कराया लेकिन  जिला प्रशासन के इन जिम्मेदारों ने आंखे बंद कर राशन की हेराफेरी के गोरखधंधे को लगातार बढावा दिया है, इससे लगता है कि शिवराज सरकार और जिला प्रशासन ही नहीं चाहता है कि गरीबों का राशन गरीबों के घर तक पहुंचे। शिवराज के राज में जिले की आदिवासी जनता का शोषण चरम पर पहुंच चुका है,   ये बात विधायक मुकेश पटेल ने शनिवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में कही।

 कोरोना के समय गुजरात की मिल में पकडा था राशन लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई

उन्होने कहा कि जिले मंे स्व सहायता समूहों द्वारा चलाई जा रही शासकीय राशन दुकानों पर हितग्राहियों को समय पर राशन नहीं दिया जाता है और दिया जाता भी है तो पात्रता पर्ची अनुसार कम दिया जाता है। मेरे द्वारा क्षेत्र भ्रमण के दौरान कई स्थानों पर निरीक्षण किया गया जिसमें मेरे द्वारा हितग्राहियों को दिये गये राशन का पुनः वजन किया जाने पर पात्रता पर्ची अनुसार राशन का वजन कम पाया गया है। साथ ही कोरोना के समय में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 2 माह का एवं मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के तहत 3 माह का प्रति व्यक्ति 5 किलो के मान से निःशुल्क राशन दिया जाना था किन्तु जिले के कई ग्रामों में राशन आज तक नहीं दिया गया। वर्ष 2021 कोरोना के समय में जिले की शासकीय राशन दुकानों का गेंहू गुजरात की आटा मील में पकड़ा गया था। इस संबंध में जांच की जाना थी इसका भी आज तक कुछ नहीं किया गया कोई कार्यवाही नहीं हुई।

 ग्राम स्तर तक अमला फिर कैसे हो रही हेराफेरी

विधायक पटेल ने कहा कि वर्तमान में 5 जनवरी 2023 को रात्रि में पुलिस थाना आम्बुआ क्षेत्र में सरकारी राशन दुकानों के गेंहू से भरे दो वाहनो को पकड़ा गया जो भाबरा के बेहड़वा गोडाउन से लाया जाना बताया गया है। मै शासन प्रशासन से पूछना चाहता हू कि विभाग में जिले से लेकर विकास खण्ड और ग्राम स्तर तक अमला मौजूद होने के बाद भी सरकारी राशन की चोरी और  हेरा-फेरी हो रही है, ये क्यों हो रही है? ये किसके संरक्षण में हो रहा है? इससे यह स्पष्ट होता है कि जिले के खाद्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इन कार्याे में संलिप्त है। यदि संलिप्त नही है तो लगातार ऐसे मामले सामने क्यों हो रहे है। विभाग की लापरवाही और उदासीनता के कारण आज जिले की और शासन प्रशासन की छवि प्रदेशभर में धूमिल हो रही है। इसके लिए कौन जिम्मेदार है?

जनता के साथ उतरेंगे सडक पर, जनता के हक के एक-एक दाने को उन तक पहुचाएंगे

विधायक पटेल ने कहा कि यदि आगामी 7 दिन में राशन की कालाबाजारी करने वाले दोषियों पर कडी कार्यवाही नहीं की गई तो कांग्रेस पार्टी जनता के साथ सडक पर उतरकर चरणबद्ध तरीके से धरना, प्रदर्शन, आंदोलन करेगी और जनता के हक का एक-एक दाना जनता को ही दिलवाएगी। आदिवासी जनता के लिए आने वाले राशन की हेराफेरी और कालाबाजारी कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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