शहर का गंदा कचरा ग्राम देहदला में डालने का ग्रामीणों ने किया विरोध,जयस एवं ग्रामीणों ने महामहीम राज्यपाल के नाम से एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर कचरा डालने के स्थल की स्वीकृति को निरस्त करने की मांग की

May

पीयूष चन्देल, अलीराजपुर 
आदिवासी समाज के सामाजिक संगठन जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) एवं ग्राम देहदला के ग्रामीणों ने ग्राम में जोबट शहर का गंदा कचरा नगर परिषद द्वारा डालने के लिए ग्राम की जमीन को पुलिस बल की उपस्थिति में जीसीबी मशीन से वन विभाग की भूमि को राजस्व विभाग एवं अनुविभागीय अधिकारी अखिलेश राठौड़ द्वारा दल बल के साथ उपस्थित रहकर जबरन वर्षो से आदिवासी जिस जमीन को वर्षो से फसल बोते आ रहे हैं, जिसका हर्जाना वन विभाग को समय समय पर जमा किया जा रहा है, जिसकी रसीद आदि ग्रामीणों के पास है, और वन भूमि अधिकार पत्र के लिए प्रकरण प्रचलन में है, उस पर वर्तमान में फसल बोई हुई है । उस पर मशीन चला कर जबरन अधिग्रहित की जा रही है। जिसके विरोध में जोबट एसडीएम को महामहिम राज्यपाल के नाम से ज्ञापन सौंपकर गन्दा कचरा डालने के स्थल की स्वीकृति को तत्काल निरस्त करने की मांग की है।ग्रामीणों एवं जयस कार्यकर्ता शिवराज चौहान, दीपक चौहान, भुरसिंह चौहान ने बताया कि उक्त जमीन ग्राम देहदला के निवासी सुभानसिंग पिता भंगड़िया, जुवानसिंह पिता पेमला, छगन पिता गंभीर, भेरू पिता गुमानसिंह
वर्षो से जोतते आ रहे हैं। एक ओर सरकार से आदिवासियों को वन भूमि के पट्टे दिये जा रहे हैं, और यहाँ जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा ग्रामीणों को बेदखल कर शहर का गंदा कचरा ग्राम में फेंकने के लिए बल का प्रयोग कर ग्रामीण महिलाओं को थाने पर लाकर बंद किया जा रहा है। हम किसी भी स्थिति में ग्राम में गंदा कचरा नही डालने देवेंगे। ग्राम पंचायत देहदला के पंच सकिर भाई, विजय चौहान ने कहा कि ग्राम पंचायत की बिना स्वीकृति एवं ग्राम सभा के बिना प्रशासन उक्त जमीन पर कब्जा नही कर सकती है, जबकि उक्त वन जमीन पर वर्षो से ग्रामीणों का कब्जा है, उन्हें वन अधिकार पत्र देने के लिए ग्राम पंचायत प्रस्ताव पास कर चुकी है, ओर शहर के लोग गंदगी करे और हमारे गांव में गन्दा कचरा डाले ये कभी होने नही देंगे।
जयस के वीरेंद्र बघेल, रमेश डुडवे, मोतेसिंह भूरिया, शंकर गूथरिया, विसाल कनेश, राजू कनेश, कैलास सोलंकी ने कहा कि जमीन का पट्टा अभी मिला नही है, पर उस जमीन पर वर्षो से खेती की जा रही है। उस जमीन पर जोबट के sdm महोदय दुवारा अपना पॉवर दिखाकर डरा धमका कर पुलिस के डंडे और जेल भिजवाने की धमकी देकर उस कृषि भूमि पर जोबट नगर का कूड़ा कचरा फेकने के लिए पुलिस बल की मोजुदगी में उस जमीन की खुदाई चालू करवा दी, जो कि गैर कानूनी एवं असंवैधानिक है। भाग 10 अनुसूचित एवं जनजातीय क्षेत्र में अनुच्छेद 244(1)( ख)पैरा 5(1)के तहत 5वी अनुसूची एवं पैसा एक्ट के विरुद्ध जाकर भोले- भाले आदिवासियों को उनकी जानकारी के अभाव में जमीन नगर पंचयात को आवंटित कर दी गई है। जबकि उक्त जमीन पर किसान खेती कर रहे है, उन्हें न ही कोई नोटिस दिया न कोई सूचना दी, सीधे जेसीबी मशीन लेकर खुदाई चालू कर दी है , क्या एसडीएम व नगर पंचायत को यह पता नही है, कि ग्राम पंचायत की जमीन ग्राम सभा मे ठहराव-प्रस्ताव के पास हुए बिना चाहे वह सरकारी जमीन हो या गैर सरकारी बिना अनुमति के कोई कार्य नही कर सकते है, फिर भी एसडीएम साहब कोई नया कानून लेकर आये है, जो बेखोब होकर पॉवर में आदिवासियों को परेशान कर कृषि की जा रही जमीन को अधिग्रहित की जा रही है। जयस जिला अध्यक्ष विक्रमसिंह चौहान एवं उपाध्यक्ष अरविंद कनेश ने कहा कि जोबट शहर की गंदगी हमारे ग्राम पंचायत में फेकना चाहते है, या महोदय को कोई राजनेतिक सपोर्ट है, जिसकी वजह से गैर कानूनी काम कर रहे है, महोदय ग्राम के लोग बकरी मुर्गी या सब्जी बेचने जोबट नगर में आते है, तो भी उनसे बैठने की रसीद काटी जाती है, यदि दुकान लगाने व खोलने की अनुमति नगर पंचायत से लेना जरूरी है। ये 5 वीं अनुसूची क्षेत्र में है, यहाँ ग्रामसभा को भी अपना पॉवर है, आदिवासियों के लिए मांगलिक भवन बनाने के लिए माननीय मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान जी ने एक आदेश जारी कर जमीन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। इस ओर अनुविभागीय अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया है। आज नगर का कचरा फेकने के लिए आपको हमारे ग्राम की कृषि भूमि ही नजर आ रही है। जयस के राज्य प्रभारी मुकेश रावत ने कहा कि जब से जोबट में एसडीएम अखिलेश राठौड़ आये है, तब से आदिवासियों के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है, और दिनों दिन गैर कानूनी असंवैधानिक कार्यवाही करते आये है, हम संपूर्ण आदिवासी समाज इस भेदभावपूर्ण व्यवहार करने पर एसडीएम का घोर विरोध करते है। और एसडीएम महोदय यदि उक्त जबरन जमीन अधिग्रहण का कार्य नही रुकवाते है, तो पूरे प्रदेश में जयस संगठन आंदोलन करेगा। जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी प्रशासन की होगी।ज्ञापन सौंपे जाने के अवसर पर ग्रामीण माधुसिंह चौहान, सवलसिंह चौहान, नाकु चौहान, बबलू चौहान, लालसिंह चौहान एवं जयस के वीरेंद्र बघेल, रमेश डुडवे, मोतेसिंह भूरिया, शंकर गूथरिया, विसाल कनेश, राजू कनेश, भूरसिंह डावर, प्रफुल रावत, विजय रावत, सावन चौहान एवं कैलास सोलंकी आदि उपस्थित रहे।