शहरी लॉकडाउन का असर कस्बा क्षेत्र में भी बाजार में सन्नाटा पसरा

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 मंयक विश्वकर्मा, आम्बुआ

कोरोना के बढ़ते ग्राफ के कारण आखिर शासन ने शहरी क्षेत्रों में 2 दिन का लॉकडाउन घोषित कर ही दिया इसका असर शहरों के साथ-साथ कस्बा क्षेत्र में भी दिखाई दिया। जहां बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा दुकानदार ग्राहकों का इंतजार करते रहे कहीं इक्का-दुक्का ग्राहक ही नजर आए विगत वर्ष लॉकडाउन में पुलिस प्रशासन की सख्ती को ग्रामीण अभी तक नहीं भूले हैं जिस कारण वे बाजार में नहीं आ रहे हैं।

दिन प्रतिदिन कोरोना महामारी अपना रौद्र रूप दिखा रही है ।अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही हल्का सर्दी जुखाम तथा मौसम के कारण होने वाली मौसमी बीमारियां भी कोरोना नजर आ रही है ।भयभीत लोग इलाज के लिए अस्पतालों की ओर जा रहे हैं। अधिकांशतः निजी चिकित्सकों से इलाज करा रहे हैं जब ठीक नहीं होते हैं तो शासकीय अस्पतालों की ओर जाते हैं जहां पर प्रतिदिन कोरोना की जांच की जा रही है तथा इलाज भी किया जा रहा है बीमारी की स्थिति देखते हुए राज्य शासन ने शनिवार 9 अप्रैल की रात से 12 अप्रैल की सुबह तक शहरी क्षेत्रों में लॉकडाउन लगाया है ।अलीराजपुर जिले के जिला मुख्यालय आजाद नगर तथा जोबट में लॉकडाउन किया गया है जबकि अन्य कस्बा क्षेत्र खुले हुए हैं इन स्थानों पर व्यापारियों को उम्मीद थी कि 10 किलोमीटर क्षेत्र के ग्रामीण शहरों में न जा पाने के कारण कस्बा क्षेत्र में सामान खरीदने आएंगे व्यापारियों ने दुकानें सजा कर ग्राहकों का इंतजार दो दिनों तक किया। मगर पिछले वर्ष लॉकडाउन में पुलिस की सख्ती देख तथा अनुभव कर चुके ग्रामीण घरों में रहने में ही भलाई समझकर बाजारों की ओर नहीं आए कुछ इक्का-दुक्का वे ग्राहक (ग्रामीण) जिसके पास दो पहिया वाहन है और उन्हें जरूरी सामान लेना था वे ही आए और सामान लेकर चले गए बाजार में कहीं भी भीड़ नजर नहीं आने से सन्नाटा पसरा नजर आया एक अनुमान के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में रोजमर्रा के सामानों की कई दुकानें ग्रामीण युवाओं ने रोजगार के उद्देश्य से खोली है जिस कारण भी ग्रामीण बाजारों में कम ही नजर आते हैं सप्ताह में एक दिन का लॉकडाउन कस्बा क्षेत्र में भी यदि किया जाए तो कोरोना की चेन तोड़ने में मददगार साबित होगा ऐसा लोगों का मानना है।

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