आलीराजपुर। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित विश्व आदिवासी दिवस अलीराजपुर में बड़े धूमधाम से मनाया गया। जिला स्तरीय कार्यक्रम में जिले भर से समाज जन हजारों की संख्या में सम्मिलित हुए। मुख्य कार्यक्रम क्रांतिकारी शहीद छितुसिंह किराड़ शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अलीराजपुर खेल मैदान में आयोजित किया।
सर्वप्रथम कार्यक्रम की सुरुआत आदिवासी रूढ़िगत परम्परा, संस्कृति अनुरूप धरती माता,बाबादेव एवं प्रकृति की पूजा करते हुए क्रांतिकारी महापुरुष शहीद छितुसिंह किराड़, महानायक धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा, जननायक टंट्या मामा भील एवं संविधान निर्माता डॉ.भीमराव आंबेडकर के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर की गई।सभी समाज जनों ने खड़े होकर धरती वंदना की गई।स्वागत भाषण रतन सिंह रावत ने दिया और वार्षिक कार्यक्रम का प्रतिवेदन वाचन भंगुसिंह तोमर ने किया। विश्व आदिवासी दिवस का उद्देश्य एवं उसकी पृष्ठभूमि विषय बिंदु पर शंकर तड़वाल ने विस्तृत जानकारी देते हुए प्राकृतिक संसाधनों का दोहन एवं पर्यावरण संरक्षण के लिये संकल्पित होकर उसकी सुरक्षा करने के लिए प्रेरित किया। बहादुरसिंह रावत ने कहा शिक्षा एवं स्वस्थ सुविधाओं के प्रश्न चिन्ह खड़े करते हुये कहा कि अलीराजपुर में भवन में यदि दो लाख रुपये की लागत में भवन बन रहा तो सकराज में उसी बनाने के लिए एजेंसी को कहा जाता है।उसी लागत में बन पाया सम्भव ही नहीं है।इस कारण से कई शालाएं भवन विहीन हैं।परंतु जिम्मेदार लोग सरकार से समस्या हल नही करवा पा रहे हैं। हमरा जिला शिक्षा के क्षेत्र में सबसे पिछडा हैं।साक्षरता दर सबसे कम उसके बावजूद जिला प्रशासन प्रौढ़ को बिना पढ़ाई लिखाई करवाये साक्षरता का मूल्यांकन/ परीक्षा करवाई हम सर जबरदस्ती करवाती हैं।जिले को कागजों में साक्षर बनाने में जिम्मेदार लगे हुए ओर इस प्रकार से दो साल से खेला चल रहा है।

 
						 
			