विश्राम घाट सेवा समिति मुक्तिधाम की नई कार्यकारिणी गठित, संतोष थेपड़िया अध्यक्ष व आशुतोष पंचोली सचिव नियुक्त
पीयूष चन्देल, अलीराजपुर
विश्राम घाट सेवा समिति द्वारा संचालित मुक्तिधाम की नई कार्यकारिणी का गठन जैन तीर्थ लक्ष्मणि में किया गया। बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने सर्वअनुमति से आगामी 2 वर्ष के लिए नई कार्यकारिणी के पदाधिकारियों का मनोनयन किया। जिसमें संरक्षक पद पर भगवतीप्रसाद जायसवाल (पिंटू सेठ), संयोजक संतोष परवाल (मकू सेठ), अध्यक्ष संतोष थेपड़िया, कार्यवाहक अध्यक्ष ओमप्रकाश राठौर (ओम सेठ), उपाध्यक्ष कैलाशचंद कमेड़िया, रामलाल भाई माली, किशनलाल राठौड़, सचिव आशुतोष पंचोली, सहसचिव गोविंद राठौड़, कोषाध्यक्ष जगदीश सराफ व मीडिया प्रभारी पद पर कृष्णकांत बेड़िया (मुन्ना सेठ) को मनोनीत किया गया। साथ ही कार्यकारिणी सदस्य भी नियुक्त किए गए।
समिति के वरिष्ठ मार्गदर्शक सदस्य नाथूलालजी जैन, अरुणकुमार गहलोत व सतीश कुमरावत नियुक्त किए गए कार्यकारिणी में शांतिलाल वाणी, कृष्णकांत पंचोली, विक्रम सेन, निलेश जैन (पप्पू), राजीव शाह, दीपक दीक्षित, दिनेश गुप्ता, अशोक सोनी, राजेश बिशया, ओमप्रकाश गोराना, नवीन सेन, कमल राठौड़, जामसिंह चौहान, कैलाश प्रजापति, विनीत जोशी, अश्विन राठौड़ को सदस्य बनाया गया। इस अवसर पर नवगठित कार्यकारिणी के सदस्यों ने मुक्तिधाम के सौंदर्यकरण उसके विकास व उन्नयन का संकल्प भी लिया। मनोनयन के पश्चात समिति के नवनियुक्त पदाधिकारियों का स्वागत संरक्षक पिंटू सेठ ने क्रम से पुष्पहार पहनाकर किया। नवगठित समिति के द्वारा आगामी दिनों में मुक्तिधाम के सुंदरीकरण और अन्य विकास कार्यों को अंजाम दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि नगर के प्रतिष्ठित वरिष्ठ पत्रकार व समाजसेवी स्वर्गीय पंडित मदनमोहनजी पंचोली व समाजसेवी नाथूलाल जी जैन द्वारा 45 वर्ष पूर्व नगर में सुक्कड़ नदी के किनारे विश्राम घाट सेवा समिति के माध्यम से मुक्तिधाम में शवदाह के लिए लकड़ी उपलब्ध कराने का कार्य आरंभ किया था। उनके द्वारा 1990 के दशक आरंभ में मुक्तिधाम का निर्माण करवाया गया था। उक्त समिति द्वारा ही मुक्तिधाम का संचालन इतने सालों से अब तक किया जा रहा है। पूर्व में मुक्तिधाम पर शवदाह के लिए सिर्फ दो कैंची थी। तत्पश्चात समिति द्वारा नए बनाए गए शेड में दो नई अतिरिक्त कैंची शवदाह के लिए लगवाई गई है। साथ ही पुरानी 2 कैचियों में से भी एक कैंची को हटाकर उसके स्थान पर नई कैंची लगवाई गई व एक कैंची का उन्नयन कर उसे मजबूत किया गया। इस प्रकार से मुक्तिधाम पर अब शवदाह के लिए कुल 4 केचियां स्थापित हो गई है। उपरोक्त जानकारी समिति के मीडिया प्रभारी कृष्णकांत बेड़िया मुन्ना सेठ ने दी।