विभिन्न समाजों के धर्म प्रमुखों ने ली बाल विवाह रोकथाम की शपथ 

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आलीराजपुर। बाल विवाह के कारण महिलाओं में शारीरिक और यौन हिंसा का जोखिम बढ़ जाता है।  वे अपने पति और परिवार पर अत्यधिक निर्भर हो जाती हैं।  बाल विवाह के कारण महिलाओं में शारीरिक और यौन हिंसा का जोखिम बढ़ जाता है, और वे अपने पति और परिवार पर अत्यधिक निर्भर हो जाती।

यह बात चंद्रशेखर आजाद नगर में श्री राम मंदिर के पंडित अमित शास्त्री ने कही। शुक्रवार को जीवन ज्योति हेल्थ सर्विस संस्था अलीराजपुर व जस्ट राइट  फाॅर चिल्ड्रेन के संयुक्त अभियान के तहत धर्मगुरुओं के साथ बाल विवाह मुक्त भारत की संकल्पना को लेकर कार्यक्रम आयोजित किया गया। संस्था प्रमुख फादर पीए थॉमस और नीलेश सिंगड़िया के मार्ग दर्शन में शहीद चंद्रशेखर आजाद नगर भाभरा स्थित जामा मस्जिद पर सदर इसाक मोहम्मद मकरानी के साथ बाल विवाह रोकथाम को लेकर प्रोग्राम किया गया। मकरानी ने कहा कि बाल विवाह रोकने के लिए लड़कियों की शिक्षा और सशक्तिकरण को बढ़ावा देना होगा। साथ ही  समुदायों में जागरूकता अभियान चलाकर जागरुक करने की आवश्यक्ता है। 

यहां समाजजनों को बाल विवाह रोकथाम की शपथ दिलवाई गई। इसके बाद संस्था की ज्योति चौहान के नेतृत्व में आज़ाद वाटिका में भी बाल विवाह रोकथाम को लेकर शपथ विधि कार्यक्रम किया गया। चौहान ने कहा कि कानून बाल विवाह पर रोक लगाता है और यदि कोई व्यक्ति इस अधिनियम का उल्लंघन करता है, तो उसे २ वर्ष तक के कठोर कारावास और जुर्माने का प्रावधान है।  यहां पंडित अमित शास्त्री, सदर  इशाक मोहम्मद और ईसाई धर्म प्रमुख सुरसिंह मेड़ा ने सहभागिता की। कार्यक्रम में संस्था के भावेश सोलंकी, दिलीप वाखला, साधु सस्तीया, मनीषा बागुले भी उपाथित थे।

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