लोकायुक्त छापे ने अधिकृत रुप से खोली ” महिला सशक्तिकरण ” के दावो की पोल

0

अलीराजपुर Live के लिऐ ” अशोक बलसोरा ” की रिपोर्ट । 

महिला सशक्तिकरण के तहत पंचायती निकायो मे 50 % पद महिलाओ को देकर उनके सशक्तिकरण के बडे बडे दावे करते नेताओ को आपने सुना होगा .. आप मे से ज्यादातर लोग यह भी जानते है कि 95% मामलो मे भले ही महिला जनप्रतिनिधि यानी पंच – सरपंच – जनपद सदस्य – जिला पंचायत सदस्य चुन ली जाये लेकिन कडवी हकीकत यह है कि उनके पति ही उनके पद को अघोषित रुप से संचालित करते है यह बात अब कागज पर साबित हो गयी है दो दिन पहले अलीराजपुर जिले की उदयगढ जनपद पंचायत परिसर मे उपयंत्री गजेंद्र दशोरे को लोकायुक्त टीम ने 16 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथो पकडा ओर यह शख्स 20 हजार रुपये पहले ले चुका था । खैर उसके पकडे जाना अलग बात है लेकिन मुद्दा यह है कि लोकायुक्त एसपी को लिखित शिकायत किसने की थी ? नियमानुसार अगर उपयंत्री रुपये मांग रहा था तो किससे ? सरपंच या सचिव की बजाय ” सरपंच पति जालमसिंह से क्यो ? जाहिर सी बात है कि वही पंचायत चला रहा होगा ओर वही लोकायुक्त एसपी के पास जाकर शिकायत कर्ता भी बना । उसकी लिखित शिकायत इस बात का सबूत है कि वह सरपंच पति होकर पंचायत चला रहा था ओर उसकी पत्नी बेचारी रबर स्टांप होकर सरकार के महिला सशक्तिकरण अभियान का मुखोटा भर है । खैर अब यही वजह लोकायुक्त पुलिस को कोट॔ मे अपराध सिद्ध करने मे दिक्कत भी देगी कि पंचायत के निर्माण कार्यो के लिऐ स्वीकृति के लिऐ अगर रिश्वत मांगी गयी थी तो जालमसिंह कोन ? ओर किस हैसियत से रिश्वत दे चुका था ? कई कानूनी तकनीकी पेंच इस मामले मे फंसेगे ।

Leave A Reply

Your email address will not be published.