लॉक डाउन का पालन नहीं होने से संक्रमण का खतरा बढ़ा, सामग्रियों के भाव बढ़ने की आशंका में जमाखोरी बढ़ रही

0

मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ

 विदेश से चलकर देश में अपनी जड़ें फैला रहे जानलेवा संक्रमण कोरोना वायरस का असर दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। प्रधानमंत्री के लॉकडाउन की अपील जिसमें जनजीवन सुरक्षित रह सकता है का पालन नहीं होता दिख रहा है । आम्बुआ में साप्ताहिक हाट बाजार का दिन था जो कि विगत सप्ताह से नहीं लगने दिया जा रहा है। मगर सब्जी तथा अन्य सामग्री बेचने वाले आ गए तथा दुकाने भी लगा दी जिस पर भीड़ टूट पड़ी सूचना मिलते ही पुलिस ने मुस्तैदी दिखाई तथा भीड़ को खदेड़ा प्रशासन का सहयोग कई नागरिक तथा व्यापारी नहीं कर रहे हैं जिस कारण बीमारी फैलने की आशंका बढ़ती जा रही है।

 22 मार्च को जनता कर्फ्यू को जिस तरह समर्थन मिला था उसी को मद्देनजर रखते हुए प्रधानमंत्री जी द्वारा 21 दिनों के लॉक डाउन की घोषणा की अपील की संपूर्ण देश के साथ मध्य प्रदेश तथा मध्य प्रदेश के साथ अलीराजपुर जिला तथा जिले के आम्बुआ कस्बे में भी यह लागू किया गया। मगर देखा जा रहा है कि कुछ सिरफिरे नादान तथा बीमारी की भयावहता का अंदाजा नहीं लगा सकने वाले लोग इसे मजाक बनाने में जुटे हैं ।वह पुलिस के गश्ती वाहन निकलते समय इधर-उधर छुप जाते हैं ।मगर जैसे वाहन चला जाता है फिर झुंड के रूप में खड़े हो जाते हैं कुछ दुकानदार भी चोरी छुपे अधिक भाव पर सामान बेचने से परहेज नहीं कर रहे है।

आज 31 मार्च को आम्बुआ में मंगलवार का साप्ताहिक हाट बाजार था जिसे लॉक डाउन के रूप में निरस्त किया हुआ है ।मगर फिर भी कुछ बाहरी तथा स्थानीय दुकानदारों ने दुकानें लगा दी नतीजा यह हुआ कि ग्रामीण तथा कस्बा क्षेत्र के लोग सामान खरीदने हेतु टूट पड़े सैकड़ों की बेकाबू भीड़ में कौन संक्रमित होगा उसने कितनों को संक्रमित किया होगा किसे पता। सूचना मिलते ही पुलिस विभाग तत्काल सक्रिय हुआ तथा भीड़ को तितर-बितर करते हुए भगाया । मगर तब तक कहीं कोरोना संक्रमित यदि रहा होगा तो यह विचारणीय प्रश्न छोड़ गया। यदि कोई संक्रमित चार-पांच दिन में निकला तो इस भीड़ में कितने और कहां के लोग थे कैसे ढूंढा जाएगा। पुलिस पूरी मुस्तैदी के साथ लोग डाउन का पालन कराने का प्रयास कर रही है । मगर कुछ नादान नागरिक एवं मुनाफाखोर व्यापारियों का समर्थन नहीं मिल रहा मिल पा रहा है जिससे लगता है कि प्रशासन को इंदौर की तर्ज पर सख्त कदम उठाना ही पड़ेगा वरना क्षेत्र जो अभी तक अछूता है कहीं इस छूत की बीमारी की चपेट में ना आ जाए।

)

Leave A Reply

Your email address will not be published.