लॉकडाउन में अन्य प्रांतों व शहरों में फंसे जिले के ग्रामीण मजदूरों को कैसे मिलेगी शासकीय आर्थिक सहायता….? जिले की बैंकों में खाते होने से परिजन परेशान

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मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ

कोरोना वायरस से बचाव हेतु शासन ने लॉक डाउन घोषित किया अचानक हुई घोषणा के कारण अन्य प्रांतों में मजदूरी या छोटा-मोटा व्यवसाय करने गए लोग वहीं फंस गए। कुछ चोरी छुपे किसी वाहन तो कई सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर पगडंडी मार्गो से घर लौट आए ।मगर जो फंसे रह गए हैं ।तथा वह बेरोजगार है उन्हें उनके ग्रहण प्रांतों की सरकारों द्वारा आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए उनके बैंक खातों पंचायतों के माध्यम से मांगे जा रहे हैं ।समस्या यह है कि अगर खाते में पैसा डाला गया तो उन तक कैसे पहुंचेगा इसका जवाब किसी के पास नहीं है सब चर्चा करने की बात कह रहे हैं।

जैसा की विदित है कई मजदूर तथा छोटे व्यवसाय (रेहड़ी खोमचे) आदि कोरोना के कारण लॉक डाउन घोषित होने के कारण अन्य प्रांतों में फंसे हुए हैं ।कुछ भाग आऐ मगर जो रह गए उनके सामने बेरोजगारी के कारण आर्थिक समस्या आ रही है। प्रांतीय सरकारों ने अन्य प्रांतों की सरकारों से संपर्क कर कुछ स्थानों पर फंसे मजदूरों के भोजन पानी की व्यवस्था कराई है ।मगर अन्य जरूरतों की पूर्ति हेतु नगद राशि की जरूरत होगी मध्य प्रदेश से बाहर गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, सौराष्ट्र क्षेत्रों में ऐसे अनेक मजदूर फंसे होंगे जिन्हें आर्थिक मदद देने हेतु प्रदेश शासन ने जनपद पंचायतों के माध्यम से उनके खातों में राशि डालने के निर्देश दिए हैं।

जनपद पंचायतों द्वारा ग्राम पंचायतों से ऐसे मजदूरों की अन्य प्रांतों में फंसे हैं की सूचियां तथा बैंक खाता नंबर मांगे जा रहे हैं ।पता चला है कि मजदूरों आदि के खाते उनके गृह ग्राम क्षेत्रों की बैंकों में है। यदि शासन स्तर पर आर्थिक मदद के रूप में राशि खातों में डाली जाती है तो वह राशि स्थानीय बैंक खातों में जाएगी जबकि संबंधित खाताधारक गुजरात या अन्य प्रांतों में फंसा हुआ है जो कि ग्रह ग्राम क्षेत्र में रकम नहीं निकाल पाएगा ऐसी स्थिति में उन्हें आर्थिक मदद कैसे मिलेगी यह विचारणीय प्रश्न है। हमारे संवाददाता ने ग्रामीण क्षेत्र ग्राम पंचायत अडवाड़ा की प्रधान वेस्ती नारायण चौहान से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि यह समस्या आएगी क्योंकि गुजरात में मजदूरों को नगद भुगतान किया जाता है वहां उनके खाते नहीं खोले जाते हैं। हमारी पंचायत से जनपद में जानकारी मांगी गई है। आगे क्या निराकरण होता है पता चलेगा यही समस्या आम्बुआ ग्राम पंचायत सचिव गिलदार सिंह चौहान ने भी चर्चा में बताई समस्या का क्या समाधान होता है यह आगामी दिनों में पता चलेगा।

मजदूर जो अन्य प्रांतों में फंसे हैं उनके खातों में रकम डाली जाना है। पता चला है कि मजदूरों के खाते ग्रह ग्राम क्षेत्र के बैंकों में है ऐसी स्थिति में पैसा यही कि बैंकों में जमा होगा। अभी हम उन मजदूरों के मोबाइल नंबर पता कर उनसे पता कर रहे हैं कि उनके पास संबंधित बैंकों के ए.टी.एम है या नहीं जिनके पास ए.टी.एम में उनके खाते में रकम डालेंगे शेष के लिए क्या आदेश निर्देश मिलते हैं इसके बाद कार्यवाही कर सकेंगे। -श्री मनीष भवर , सीईओ जनपद पंचायत  अलीराजपुर

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