रोचक हो सकती है अलीराजपुर विधानसभा की 2018 की जंग ; इस लेख से समझे संभावित समीकरण

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अलीराजपुर विधानसभा की राजनीति अब धीरे धीरे 2018 के चुनाव के लिए करवट लेने लगी है क्या है संभावित तस्वीर बता रहे है हमारे संवाददाता ।

अशोक बलसोरा  

अलीराजपुर विधानसभा सीट 2003 के पहले कांग्रेस का गढ हुआ करती थी लेकिन नागरसिंह चोहान ने बीजेपी का ऐसा खुंटा गाडा की अब कांग्रेस वापसी की तरस रही है लेकिन अब दो बडे सवाल बीजेपी ओर कांग्रेस के सामने खड़े है पहला यह कि क्या नागरसिंह लगातार चोथी बार विधायक बनने मे कामयाब होंगे ? ओर दूसरा सवाल कि क्या लगातार तीन बार से विधानसभा चुनाव हारने के बाद महेश पटेल दंपति क्या फिर 2018 मे फिर से मैदान मे नागरसिंह को चुनोती दे पायेंगे ? आइये इस पड़ताल मे हम दोनों सवालों का जवाब तलाशने की कोशिशें करते है ।

पहला सवाल नागरसिंह को लेकर था वह यह कि क्या वह चोथी बार भी विधायक बनेंगे ? क्योकि टिकट तो उनका 100% पक्का है लेकिन सवाल यह है कि जनता क्या उन्हे चोथी बार आशीर्वाद देगी ? यह सवाल इसलिए क्योकि “लोकसभा” उपचुनाव मे कांग्रेस को नागरसिंह चोहान की विधानसभा से एक बड़ी जीत मिली थी यानी उस समय जनता बीजेपी सरकार से आन-लाइन दस्तावेजों की प्रकिया से जबरदस्त नाराज थी तो क्या वह गुस्सा उतर गया है ? या अलीराजपुर विधानसभा की जनता को लोकसभा उपचुनाव मे बीजेपी उम्मीदवार निर्मला भूरिया रास नहीं आई थी ? दूसरा नगर पालिका चुनाव मे 113 वोटों के अंतर से बीजेपी को साम दाम दंड भेद सभी इस्तेमाल करने के बावजूद पराजय का मुंह देखना पडा था । अब यह तो परिणाम ही तय करेंगे कि मोजूदा विधायक नागरसिंह चोहान के खिलाफ आम मतदाताओ मे एंटी इंकमेंसी है या नहीं ?

दूसरा सवाल हमने उठाया था कि क्या महेश पटेल दंपति को कांग्रेस हार की हेट्रिक के बाद टिकट देगी या नहीं ? यह सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा ओर विषय चुनाव के एक साल पहले ही बना हुआ है हमारे सुत्रों के अनुसार मोजूदा कांग्रेस जिलाध्यक्ष सरदार सिंह पटेल ओर मुकेश पटेल के अलावा राजेंद्र सिंह पटेल भी दावेदारी कर सकते है । मुकेश पटेल प्रमूख दावेदार बन सकते है क्योकि इलाके मे उनकी अच्छी पकड़ ओर संबंध है लेकिन मुकेश पटेल को सांसद कांतिलाल भूरिया के साथ साथ ऊपर के नेताओं के साथ साथ महेश पटेल दंपति को साधना पडेगा तब जाकर बात बनेगी । वही सरदार पटेल सांसद भूरिया के बेहद करीबी मानें ही जाते है । राजेंद्र पटेल काफी कमजोर उम्मीदवार मानें जा रहे है । यह भी “क्रिस्टल सच ” है कि बीजेपी को टक्कर तो सिर्फ बोरखड का पटेल परिवार ही दे सकता है बाकी नागरसिंह को वाकओवर देने के लिए टिकट चाहें किसी को भी दिया जा सकता है ।

क्या महेश कर सकते है ” बगावत

कांग्रेस के सामने एक बड़ी समस्या महेश पटेल दंपति को टिकट ना मिलने की सुरत मे उनकी बगावत को रोकना ! ओर महेश ने अगर बगावती तेवर अपना लिए तो बीजेपी को जबरदस्त फायदा ही फायदा होना है ।

लोकसभा चुनाव की तारीखे भी उम्मीदवार के चयन को करेगी प्रभावित ।

राजनीतिक गलियारों मे खुसफूसाहट है कि मोदी सरकार विपक्ष को एकजुट होने का समय ना देते हुए 2018 मे मध्यप्रदेश सहित चार राज्यों मे होने वाले विधानसभा चुनावों के साथ ही लोकसभा चुनाव भी करवाने की योजना पर विचार कर रही है ओर अगर ऐसा होता है तो विधानसभा चुनाव मे कांग्रेस का टिकट वितरण प्रभावित होगा ओर बीजेपी को   लोकसभा मे उम्मीदवार तलाशना पड़ा तो वह नागरसिंह को लोकसभा ओर उनकी पत्नी अनिता चोहान को विधानसभा चुनाव लडवायेगी

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