राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं महिला बाल विकास आयोग ने शासकीय ब्याज कम करने की रखी मांग, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

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थांदला। विशेषज्ञ कहते है जब तक कोरोना की दवाई नही बन जाती तब तक सभी को कोरोना के साथ रहने की आदत डाल लेनी चाहिए। इससे बचाव के लिए सबको सावधान रहकर शासन के बनाये नियम दो गज की दूरी मास्क है जरूरी, मिलता रहेगा जीवन में साथ बार-बार धोते रहे अपने हाथ जैसे स्लोगन के तीन नियमों का पालन आवश्यक रूप से करना चाहिए वही कोरोना से लडऩे की शक्ति देने वाले कोविशिल्ड वैक्सीन को जरूर लगवा लेना चाहिए।
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की अगर बात की जाए तो यह लगभग सभी परिवार में आर्थिक क्षति तो लाया ही है। वही इस बार अनेक परिवार ने अपनों को भी खोया है। शासन प्रशासन ने कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए लॉक डाउन लगाया जो लगभग 45 दिन से भी ज्यादा समय तक चला। देश को अरबों रुपये की आर्थिक हानि हुई जिससे वह आर्थिक मंदी को झेल रहा है। हालात यह हो गये है कि आज अनेक परिवार ऐसे भी है जिन्हें वापास अपनी गाड़ी पटरी पर लाने के लिए समय लगेगा। राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं महिला बाल विकास आयोग के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव डॉ रविन्द्र मिश्रा के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश की टीम कोरोना संक्रमण के समय जनता की सेवा करने के हर अवसर पर खरा उतरी है। मध्यप्रदेश के कार्यवाहक अध्यक्ष पवन नाहर, समकित तलेरा, मनोज उपाध्याय,आत्माराम शर्मा ने नगर के पत्रकारों की मौजूदगी में देश के प्रधानमंत्री व प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर सोमेश मिश्रा को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण में लोगों की जान बचाने के लिए लॉक डाउन का फैसला सरकार का था, तो अब उन्हें इस आर्थिक तंगी से बाहर निकलना भी उनकी जिम्मेदारी बनती है। इसके लिए उन्होंने निम्नवर्ग के लिए तो कुछ हद तक मदद के हाथ भी बढ़ाए है परंतु मध्यमवर्गीय परिवार में भी अनेक परिवार अब निम्नवर्ग की श्रेणी में आ चुके है लेकिन वे इसे कह नही कर पा रहे है। कोरोना संक्रमण से जहां व्यापारियों के व्यापार बन्द रहे तो अनेक निजी वर्करों तथाअनुबंधित कर्मचारियों के वेतन के भी लाले पड़ गए। ऐसे में अब बिजली का बिल मय पैनल्टी, नल का बिल पैनल्टी के साथए लिए गए ऋण का ब्याज व उसकी भी पैनल्टीए मकान-दुकान किराया, बच्चों की फीस, राशन का बिल जैसे अनेक खर्च चुकाने के पैसों के वांदे हो गए हैए जब सरकार सुविधाओं के बदले ब्याज व पैनल्टी के साथ अपना पैसा ले रही है तो निजी व्यक्ति से इसे माफ किये जाने की उम्मीद लगाना बेकार ही है। उनकी इस आर्थिक तंगहाली के दर्द को मध्यप्रदेश के प्रदेशाध्यक्ष पवन नाहर ने देश व प्रदेश के मुखिया के समक्ष रखते हुए मांग की है कि सरकार चाहे तो उनके अधीन आने वाले शासकीय विभागों में जनता के लिए राहत देने के कार्य करें। वे बिजली व नल के बिलए बैंक लोन की किश्त व उस पर लगने वाली पैनल्टी माफ करें वही उन्हें एक माह की छूट भी प्रदान करें जिससे देश की आर्थिक तंगी से जूझ रही जनता को कुछ राहत मिल सके। इस अवसर पर नगरीय पत्रकार समिति के कुंदन अरोड़ा, सुधीर शर्मा, अक्षय भट्ट, अविनाश गिरी, कमलेश तलेरा, धर्मेंद्र पंचाल, माणक जैन, निरंजन शर्मा, राजेश डामोर, मनीष वाघेला, जावेद खान, अविनाश गिरी, जमील खान, मुकेश भट्ट, शाहिद खान, हरीश पंचाल, नीलिमा डाबी, कुलदीप वर्मा, राजू धानक आदि पत्रकार उपस्थित थे।

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