रमजान मे जारी है इबादत का दोर

0

रमज़ान विशेष

झाबुआ लाईव के लिए थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट IMG-20150627-WA0343

समस्त मुस्लिमों पर रोजे फर्ज किये हैं

थांदला – उक्त कथन धर्मावलंबियों को संबोधित करते हुए मौलाना इस्माईल कादरी बरकाती ने कहे।

गत 19 जून से प्रारंभ हुआ मुस्लिम समूदाय के पवित्र माह रमजान में समूदाय के धर्मावलंबी दिनरात ईबादत में जुटे है। प्रतिदिन धर्मावलंबी अलसुबह सेहरी कर रोजे रख रहे है तो देर रात तक तराबीह की नमाज पढ़कर अल्लाह तआला से गुनाहों की माफी की फरियाद कर रहे हैं। 1 से 10 रोजे तक पहला अरसा रहमत का चल रहा है। माह के दूसरे शुक्रवार को बड़ी संख्या में समुदाय के लोगो ने स्थानीय गोसिया जामा मस्जिद में एकत्रित होकर जुमे की नमाज अदा की। नमाज से पूर्व एकत्रित हुए धर्मावलंबियों को संबोधित करते हुए मौलाना इस्माईल कादरी बरकाती ने बताया कि इस्लाम ने समस्त मुस्लिमों पर रोजे फर्ज किये हैं, ताकि मालदार जब रोजे की हालत में भूखे-प्यासे रहे तो उन्हे अहसास हो कि हमें एक दिन खाना न मिलने से कितनी तकलीफ होती है। जब हम एक ही दिन निा खाये नही रह पाते तो गरीबों का पूरे वर्ष में क्या हाल होता होगा। इन्सान जब रोजा रखता है तो अल्लाह का खौफ पैदा होता जिसकी वजह से रोजेदार अकेले में भी खाता-पिता नही है। क्योंकि वह जानता है कोई देखे या न देखे परंतु जिसके आदेा पर मैने रोजा रखा है, वह तो देख ही रहा है। रोजा बंदे और अल्लाह के मध्य एक राज है। हर नेक आमाल लोगो पर जाहीर होता है, परंतु रोजा ऐसी ईबादत है जो सिर्फ बंदा और अल्लाह ही जान सकता है। इसीलिये अल्लाह ने कहा है कि रोजा मेरे लिए है और मैं ही इसका बदला दूंगा। इस अवसर पर मुस्लिम समुदाय के वरिष्ठ, युवा व बच्चे बड़ी संख्या में मस्जिद में उपस्थित थे। नमाज अदा कर समस्त धर्मावलंबियों ने रमजाम में ज्यादा से ज्यादा ईबादत कर सवाब कमाने का संकल्प लेकर अमन-चैन की दुआ मांगी।

Leave A Reply

Your email address will not be published.