रक्तदान महादान कर पीड़ित व्यक्ति से हम एक अनजान से खून का रिश्ता बना लेते हैं :  कीर्तन कलेश

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रक्षित मोदी @ छकतला

“रक्तदान महादान कहलाता है क्योंकि हमारा रक्त मुसीबत में किसी के काम आता है और हम एक अनजान से खून का रिश्ता बना लेते हैं।”
शहीद चंद्रशेखर आज़ाद रक्तदान समिती के सक्रिय सदस्य कीर्तन कलेश ने आज 8 वी बार रक्तदान किया। कीर्तन का कहना है की हमे रक्त को लड़ाई झगड़े में न बहाकर रक्तदान करें, ताकि किसी भी जरूरत मंद की जान बचाई जा सके। रक्तदान से बढ़कर कोई दान नहीं हो सकता। रक्तदान कर हम एक अंजान व्यक्ति से खून का रिश्ता स्थापित हो जाता है।
समाजसेवी गोविन्द ने कहा कि जब किसी अपने का जीवन खतरे में हो तब रक्त की महत्ता समझ में आती है। आज हमारे द्वारा किया गया रक्तदान किसी जरूरतमंद के जीवन को बचाने में सहायक होगा। रक्त के लिए कभी किसी का जीवन समाप्त न हो इस बात की जिम्मेदारी हम सब पर है। कहा कि सभी लोगों को जागरूक करें और समय-समय पर सभी को रक्तदान करना चाहिए।
साथ ही कादु सिंह डुडवे ने कहा कि रक्तदान महादान है। एक व्यक्ति रक्तदान कर किसी जरूरतमंद लोगों की जान बचा सकता है और जाने अनजाने व्यक्ति से खून का रिश्ता बन जाता है। आपके रक्त की एक यूनिट से तीन मरीजों की जान बच सकती है। तो मरीजों की जान बचाने के लिए रक्तदान करिए। कहा कि किसी भी स्वस्थ व्यक्ति द्वारा दान किया गया रक्त शरीर में फिर से 24 घंटे में बन जाता है। इससे शरीर पर किसी भी प्रकार का नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है।

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