महिलाओं ने निराहार रहकर पूजा अर्चना कर हरतालिका किया व्रत 

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मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ 

 भादो माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को महिलाओं का विशेष पर्व हरतालिका व्रत बुधवार को पूरी श्रद्धा भक्ति के साथ मनाया गया माता पार्वती एवं शिव की रेत से बनी मूर्तियों की विधि विधान से पूजा अर्चना कर जहां सुहागिनों ने पति की लंबी उम्र की कामना की वही कुवारी कन्याओं ने अच्छे वर की कामना की। श्रावण मास की समाप्ति के बाद से विभिन्न त्योहार प्रारंभ हो जाते हैं यानी कि भादो माह के प्रारंभ से जो तीज त्यौहार प्रारंभ ही जाते हे यानि की महिलाओं के तीज त्यौहार अधिक होते हैं । इसी कड़ी में तृतीया तिथि को हरतालिका व्रत किया जाता है सुबह से रात तक निराहार रहकर महिलाओं ने रेत से बने शिव पार्वती की मूर्तियों का विभिन्न वृक्षों के फूल पत्तों एवं फलों से पूजा अर्चना की तथा सुख समृद्धि के साथ ही सुहागनों ने पति की लंबी उम्र तथा कुंवारी कन्याओं ने अच्छे वर की प्राप्ति की कामना की। पूजा अर्चना के साथ ही हरतालिका व्रत की कथा सुनी गई। रात्रि में जागरण किया जा कर भजन कीर्तन किए गए तथा सुबह पवित्र हथनी नदी में मूर्तियों एवं पूजन सामग्री का विसर्जन किया।

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