महात्मा गांधी के देखे गए सपने को चकनाचूर किया राज्य सरकार ने – जिपं अध्यक्ष भूरिया

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झाबुआ। वर्तमान में केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा त्रि-स्तरीय पंचायती राज में सरंपचों के अधिकार छीनने को लेकर पूरे प्रदेश के सरंपच 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी जयंती पर नई दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर पहुंचकर धरना देंगे एवं सामूहिक रूप से इस्तीफा देंगे। उक्त जंगी प्रदर्शन को लेकर शनिवार को दोपहर स्थानीय ब्लॉक रिसोर्स सेंटर के सभागृह में झाबुआ ब्लॉक की ग्राम पचांयतों के जनप्रतिनिधियों की एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में जिला पंचायत अध्यक्ष कलावती भूरिया उपस्थित थी। बैठक में मुख्य रूप से पंचायती राज अधिनियम 1994 में लागू किए गए सरंपचों के अधिकारों को बहाल करने तथा सरपंचों की अनेकों मांगों को पूरा करने के लिए वृहद आंदोलन की रूपरेखा बनाई गई।
बैठक को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि जिपं अध्यक्ष सुश्री भूरिया ने कहा कि महात्मा गांधी ने पंचायती राज लागू कर सरपंचों को अधिकार देने एवं पंचायत  स्तर पर समुचित विकास का जो सपना देखा था, आज सरपंचों के उन अधिकारों को पूरी तरह से हनन हो रहा है। सरंपच को शासन-प्रशासन द्वारा पूरी तरह से पंगु बना दिया गया है। सरपंचं अपने अधिकारों के लिए निरंतर लड़ाई लड़ रहे है, किन्तु राज्य सरकार कुंभकर्णीय की नींद सोई है। हम सब मिलकर राष्ट्रपिता के जन्मदिवस के अवसर पर नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर विशाल धरना प्रदर्शन एवं सामूहिक इस्तीफा देंगे तथा सोयी हुई सरकार को हमारे के लिए हमारे अधिकार देने के लिए बाध्य करेंगे।
21 सदस्यों की बनाई जा रही कमेटी
उन्होंने कहा कि इस अवसर पर सभी ब्लॉकों में बैठक का आयोजन किया जा रहा है तथा हर विकासखंड में सरपंच संघ द्वारा सरपंचों की लड़ाई लडऩे के लिए 21 सदस्यों की एक विशेष कमेटी बनाई जा रहीं है, जो हमेशा सरंपचों को उनके अधिकार दिलाने के लिए तत्पर रहेगी। इस अवसर पर पिटोल सरपंच काना गुंडिया ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सरपंचों को गांव के लोगों द्वारा अपने प्रतिनिधियों के रूप में चुना जाता है, किन्तु अधिकारी सरंपचों की कोई सलाह नहीं लेते है एवं स्वयं ही निर्णय लेते है। जिस कारण क्षेत्र का समुचित विकास नहीं हो पा रहा है। साथ ही कोई नवीन योजना की विस्तृत जानकारी भी सरपंचों को नहीं दी जा रहीं है। सरंपचों को केवल पद दे दिया गया है, किन्तु कोई अधिकार नहीं दिए गए है। हम सभी को मिलकर षासन से अपने अधिकार वापस प्राप्त करना है, इसके लिए हम सभी को एकजुट होकर कार्य करना होगा।

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