महर्षि अरविंद देश के आध्‍यात्मिक क्रांति की पहली चिंगारी थे : कलेक्टर डॉ. बेडेकर

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आलीराजपुर। आज दिनांक 30 अगस्‍त 2024 को म.प्र. जन अभियान परिषद अलीराजपुर द्वारा डाइट कॉलेज अलीराजपुर में महर्षि श्री अरविंद जी ‘’ हम भारतीय बने ‘’ विचारधारा पर व्‍याख्‍यानमाला का आयोजन किया गया। 

कार्यक्रम का उद्घाटन अतिथियों के द्वारा मॉ सरस्‍तवी ओर भारत माता के चित्र पर माल्‍यापर्ण एवं पूजन कर किया गया। तत्‍पश्‍चात कलेक्‍टर महोदय डा.अभय अरविंद बेडेकर का स्‍वागत मगनसिंह चौहान सेक्‍टर प्रभारी द्वारा तथा राजेन्‍द्र टवली सामाजिक कार्यकर्ता का स्‍वागत के सी सिसोदिया वरिष्‍ठ प्राध्‍यापक डाइट द्वारा किया गया। कार्यक्रम में छात्राओं द्वारा सरस्‍वती वंदना गायन किया गया। स्‍वागत भाषण जिला समन्‍वयक श्री दीपक जगताप द्वारा प्रस्‍तुत किया।  

मुख्‍य अतिथि कलेक्‍टर डा. अभय अरविंद बेडेकर द्वारा महर्षि अरविंद के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महर्षि अरविंद एक महान क्रांतिकारी हुए। महर्षि अरविंद देश के आध्‍यात्मिक क्रांति की पहली चिंगारी थे। उन्‍होने महर्षि के जीवन पर चर्चा की तथा युवा स्‍वावलम्‍बी बने एवं हमारी प्राचीन संस्‍कृति सुरक्षित रहे। हम सभी को एक होकर संस्‍कृति को संरक्षित करना है। 

मुख्य वक्ता राजेंद्र टवली ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हम भारतीय बने विषय पर बहुत सुंदर तरीके से बताने के प्रयास किए गए। टवली जी द्वारा हम भारतीय बने विषय पर बात रखते हुए हमे गर्व होना चाहिए की हम महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आज़ाद की जन्म भूमि से आते हैं आज हमें उनके पद चिन्हों पर चलना चाहिए। आज हमारी भारतीय संस्कृति को केसे बचाएं और हम इस भारत मां की केसे रक्षा कर सके इसके साथ साथ हमारे देश में कई ऐसे अवसर आए हैं जिसमे हमको कई तरह से संघर्ष करने पड़े हैं । महाराणा प्रताप, वीर शिवाजी महाराज जैसे कई योद्धायो ने इस भारत भूमि पर जन्म लिया जिन्होंने जीवन में कई चुनौतिया स्वीकार की पर भारत मां के लिए कभी भी गुलामी स्वीकार नहीं की, आज भारत एक विश्व गुरु बनने की ओर  बढ रहा है जिसमें हमारा बहुत बड़ा योगदान होना चाहिए।  योगदान भले ही छोटा या बड़ा हो सकता है इसलिये हम सभी को अनुशासन में रहना यातायात के नियमों का पालन करना, शासकीय सम्‍पति का सम्‍मान करना तथा प्रत्‍येक व्‍यक्ति को जीवन में जिम्‍मेदारियों को निर्वहन करना चाहिए। 

डाइट के वरिष्ठ अध्यापक अलसिहं तोमर हम भारतीय बने इस मूल्‍य को स्वामी विवेकानन्द का शिकांगो मे दिए गए भाषण का उल्‍लेख किया है। उन्‍होने कहा कि हमारे संस्कार ही आज हमारी पहचान, हमारी संस्कृति है। 

कार्यक्रम में आभार विकासखण्‍ड समन्‍वयक नागरसिंह सस्तिया ने माना। कार्यक्रम में श्री रामसिंह निगवाल द्वारा सम्‍पूर्ण व्‍यवस्‍थाओ का संचालन कियाग गया। कार्यक्रम में श्री विमल वर्मा, श्री प्रकाश मण्‍डलोई, नवांकुर समिति सदस्‍य, सेक्‍टर प्रभारी, प्रस्‍फुटन समिति सदस्‍य, सीएमसीएलडीपी छात्र छात्राए एवं परामर्शदाता उपस्थित थे।

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