मन्दिर निर्माण के लिए सनातन धर्मावलम्बियों ने जैनाचार्य से की भेंट

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रितेश गुप्ता, थांदला
सनातन धर्म प्रतिनिधि मंडल ने सोमवार को झाबुआ में देवलोकगामी राष्ट्र संत जैन धर्माचार्य ऋषभचन्द्र विजय जी व अन्य जैन गुरू संतों की प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में पहुंचकर वहां विराजित राष्ट्रसंत ऋषभचन्द्र विजय के सुशिष्य पियुषचन्द्र विजय मसा से भेंट कर थांदला की संत धरा पर विगत 14 वर्षो से भक्त संत मलूकदास के प्राचीन एतिहासिक सामाजिक सदभाव सर्वधर्म सहिष्णुता के सयुक्त स्मारक नृसिंह ऋषभदेव मन्दिर के नव निर्माण करवाने के सबंध में अनुरोध किया।
स्मरण रहे सामाजिक सदभाव के सयुक्त धरोहर के जीर्णोद्धार का संकल्प जैन धर्माचार्य ऋषभचन्द्र विजय मसा व्दारा लिया गया था । प्राण प्रतिष्ठित प्रतिमाओं को मूल स्थान से हटाने पर विवाद उत्पन्न होने से समग्र जैन समाज के निवेदन पर एसडीएम थांदला की अध्यक्षता में वर्ष 2013 में सर्व समाज की बैठक आहूत की जाकर सर्वानुमति से मन्दिर के जीर्णोद्धार हेतु चार बिन्दु तय किए गए थे। लेकिन नव निर्माण के दौरान स्थानिय मूर्ति पूजक जैन समाज व्दारा पालन नही किये जाने से अनुविभागीय दण्डाधिकारी न्यायालय व्दारा स्थगन आदेश प्रसारित किये जाने से मन्दिर निर्माण का पुनित कार्य विगत 8 वर्षो से रूका हुआ है। संत पियुशचन्द्र विजय मसा ने सनातन धर्म प्रतिनिधि मण्डल की बातों को ध्यान पूर्वक श्रवण किया तथा प्रतिनिधि मंडल को सर्वसमाज व्दारा लिये गये निर्णय एवं भक्त संत मलूकदास के सामाजिक धार्मिक सांस्कृतिक सदभाव के अनुरूप मन्दिर निर्माण का कार्य करवाने हेतु आश्वस्त करते हुए अपने गुरूदेव ऋषभचन्द्र विजय मसा का सकंल्प पूर्ण करने की अभिलाषा व्यक्त की। सनातन धर्म प्रतिनिधि मण्डल ने भी जैन धर्माचार्य को मन्दिर निर्माण के पुनित कार्य में तन मन धन से सहयोंग करने के भाव प्रकट किए एवं आगामी चतुरमास संत धरा थांदला पर किये जाने की विनती की।

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