मनुष्य गलती करने पर उसका प्रायश्चित कर महापाप से बचे : पंडित दीपक उपाध्याय

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 जितेन्द्र वाणी, नानपुर

नानपुर – श्री वीर दुर्गादासजी राठौड़ भागवत समिति द्वारा गाँव की सुखस्मृद्धि व खुशहाली की कामना और पितरो की शांति के लिए के लिए श्राद्धपक्ष में राठौड़ धर्मशाला में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा के दूसरे दिन कथा का वाचन करते हुए पंडित दीपक उपाध्याय ने कहा कि मनुष्य से गलती हो जाना बड़ी बात नहीं। लेकिन ऐसा होने पर समय रहते सुधार और प्रायश्चित जरूरी है। ऐसा नहीं हुआ तो गलती पाप की श्रेणी में आ जाती है। कथा व्यास ने पांडवों के जीवन में होने वाली श्रीकृष्ण की कृपा को बड़े ही सुंदर ढंग से दर्शाया। कहा कि परीक्षित कलयुग के प्रभाव के कारण ऋषि से श्रापित हो जाते हैं। उसी के पश्चाताप में वह शुकदेव जी के पास जाते हैं। भक्ति एक ऐसा उत्तम निवेश है, जो जीवन में परेशानियों का उत्तम समाधान देती है। साथ ही जीवन के बाद मोक्ष भी सुनिश्चित करती है। कथा व्यास ने कहा कि द्वापर युग में धर्मराज युधिष्ठिर ने सूर्यदेव की उपासना कर अक्षय पात्र की प्राप्ति किया। हमारे पूर्वजों ने सदैव पृथ्वी का पूजन व रक्षण किया। इसके बदले प्रकृति ने मानव का रक्षण किया। भागवत के श्रोता के अंदर जिज्ञासा और श्रद्धा होनी चाहिए। परमात्मा दिखाई नहीं देता है वह हर किसी में बसता है। आयोजक समिति के सदस्यों ने बताया कि गाँव की सुख समृद्धि व खुशहाली की कामना को लेकर 27 सितम्बर से 3 अक्टूबर तक श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा के दौरान दोपहर 1 बजे से 4 बजे तक भजन कीर्तन आयोजन किया जायेगा। दूसरे दिन के सहयजमान और प्रसादी माहेश्वरी परिवार ने किया l साथ ही साथ प्रति वर्ष पितृपक्ष में भागवत करवाने के लिए स्थाई सदस्य भी बनाये गए l मंच का सफल संचालन कैलाश राठौड़ एव राजेश राठौड़ ने किया एव आभार राकेश राठौड़ ने माना l

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