आलीराजपुर लाईव के लिये आलीराजपुर से रिजवान खांन की रिपोर्ट।
संविदा स्वास्थ्य अधिकारी कर्मचारी संघ की हड़ताल रसे व्यवस्थाओं पर पड़ा असर
संविदा स्वास्थ्य अधिकारी कर्मचारी संघ द्वारा शुक्रवार को अपनी मांगे मनवाने के लिए अनोखा विरोध किया गया। संघ के सदस्य धरना स्थल जिला अस्पताल परिसर में एक भैंस और बीन लेकर आए। इसके बाद प्रतिकात्मक रूप से भैंस को सरकार मानकर उसे माला पहनाई गई और बहुत देर तक उसके आगे बीन बजाया गया। इससे हड़ताली अधिकारी कर्मचारियों की आवाज सरकार सुन ले। संघ द्वारा लगातार पांचवे दिन हड़ताल पर रहने से जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं पर बूरा असर पड़ने लगा है और कई व्यवस्थाएं प्रभावित होने लगी है। जिले में छह एनआरसी बंद होने की कगार पर पहुंच गए है और यहां भर्ती बच्चों की छुट्टी करवाकर कुछ परिजन ले जा चुके है। स्वास्थ्य विभाग से संबंधित सभी आॅनलाइन काम और डाटा एंट्री काम भी ठप पड़ गए है। इसके अलावा आंगनवाडियों और छात्रावासों में बच्चों के लिए आरबीएस की मोबाइल टीम भी नहीं पहुंच रही है। टीबी मरीजों को दवाई वितरण नहीं हो पा रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में व्यवस्थाएं चरमराईः- हड़ताल के चलते ग्रामीण क्षेत्र में कुछ स्वास्थ्य केंद्र बंद हो गए है और वहां पर न तो डाॅक्टर है और न ही एएनएम। ऐसे में इन क्षेत्रों में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। संघ के सदस्यों ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आंबुआ, नानपुर, सोरवा, झीरण और गुनेरी के अस्पताल बंद हो चुके है। फलस्वरूप ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से चरमरा गई है। मरीजों को या तो जिला अस्पताल आकर स्वास्थ्य लाभ लेना पड़ रहा है अथवा गुजरात जाकर मजबूरी में महंगा इलाज कराना पड़ रहा है।
आज करेंगे आरक्षण की मांगः- संघ के सदस्यों ने बताया कि शनिवार को हड़ताल के छठवें दिन प्रदेश सरकार और भारत सरकार से मांग की जाएगी कि वर्तमान में समाज में संविदा व नियमित नाम की दो नई जातियों का जन्म हो चुका है और संविदा जाति सर्वाधिक शोषित व पीड़ित संवर्ग है। इसलिए संविदा वर्ग को आरक्षण दिया जाए।
कल निकालेंगे मशाल जुलुस
उन्होंने बताया कि कल शनिवार शाम 5 बजे धरना स्थल पर इकट्ठा होकर मशाल जुलुस की रूपरेखा तैयार कर शाम 7 बजे से शहर में मशाल जुलुस निकाला जाएगा।