भगोरिया नही ” भोंगरिया ” सही शब्द है सरकार बदले नाम

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चंद्रभान सिंह भदोरिया  ( लेखक टीवी पत्रकार है लेख उनकी फैसबुक वाल से साभार । 

वन मिनट प्लीज – भगोरिया या भोंगरिया
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चंद्रभान सिंह भदोरिया @ 09425487490
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आज से आदिवासियों का परंपरागत पव॔ ” भोंगरिया जिसे सरकार – मीडिया ने अभी तक ” भगोरिया यानी प्रणव पव॔ – वेलेंटाइन वीक के रुप मे प्रचारित किया हुआ है शुरु हो रहा है । अब अलीराजपुर जिले मे एक बडा आदिवासी समूह इसे भगोरिया कहने का विरोध कर रहा है उनके अनुसार यह ” भोंगरिया ” है यानी उल्लास ओर होली का खरीदी का पव॔ । विगत दिनों अलीराजपुर मे आदिवासियों के बीच तीन दशकों से सक्रिय ” श्री शंकर तडवाल” से मुलाकात हुई तो उनका कहना था कि भोंगरिया सही शब्द है उनके अनुसार फसलें कट चुकी होती है गुजरात से पैसा कमाकर आदिवासी लोट आते है ओर ताडी शुरू हो चुकी होती है । ओर होली के 7 दिन पहले होली की खरीददारी के लिए जो हाट होते है वह स्पेशल हो जाते है भरी जैब होने से सज धजकर लोग जाते है उन्हे पता होता है कि संबधित भगोरिया मेले मे सारे दोस्त – रिश्तेदार – नातेदारो से भी मुलाकात होगी । इसलिए सभी उत्साहित होते है ओर भरी जेब होने से खुब झुले झुलते है खाते पीते है मोज करते है यही भोंगरिया है । शंकर भाई के साथ मगन कहते है कि हमारे आदिवासी समाज को भगोरिया मे पान खिलाने ओर राजी होने पर लड़के लडकीयों के भाग जाने से जोड़कर ” भगोरिया ” कह दिया गया ओर हमारे समुदाय को बदनाम किया जा रहा है । वैसे हकीकत भी यही है प्रेम प्रसंग मे भागना तो हर समाज ओर समुदाय मे देश भर मे साल भर लगा रहता है ओर देश भर के थानों मे इस तरह से भागने की एफआईआर भी दर्ज होती है फिर भगोरिया को प्रेमियों के पव॔ ओर भागने से जोडना क्या उचित है मै उचित नहीं मानता । दरअसल दो से तीन दशक पहले से मीडिया के एक धडे ने सरकार की मोन सहमति से भगोरिया का दुष्प्रचार किया है इसलिए देश – दुनिया मे यह नकारात्मक संदेश गया । अभी अलीराजपुर जिले मे भगोरिया को भोंगरिया कहने का प्रयास ज्यादा है जबकि झाबुआ जिले मे लोग मुखर नहीं है । दरअसल मेरा सुझाव यह है कि ” आदिवासी समाज के सभी जनप्रतिनिधियों को विधानसभा मे मिलकर ओर सरकार के सामने ” गजट” के जरिए नोटिफिकेशन बदलने का आग्रह करना चाहिए ..क्योकि बिना राजपत्र मे भगोरिया हटे भोंगरिया नहीं होगा क्योकि मध्यप्रदेश सरकार , लोकसेवा आयोग , सरकारी दफ्तर आदि मे तो भगोरिया ही कहा जा रहा है । पुनः सरकार से अपील की आदिवासियों को बदनाम करने वाले इस भगोरिया पव॔ को भोंगरिया नाम दे ताकी उनके सम्मान की रक्षा सुनिश्चित हो सके ।

सभी की ” भोंगरिया ” पव॔ की बधाई ।

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