आलीराजपुर। बाल विवाह करने से बच्चों का बचपन छिन जाता है और उन्हें इस बात का बिल्कुल भी ज्ञान नहीं होता है कि आगे उनके साथ क्या होने वाला है या उनका जीवन कैसे हो जाएगा। लड़कियों को जीवनभर मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। कानूनी तौर पर लड़की की उम्र 18 वर्ष और लड़के की उम्र 21 वर्ष तय की गई है। इससे कम उम्र में शादी करना बाल विवाह की श्रेणी में आता है जो की कानूनी अपराध है।
यह बात दिल्ली से आए एक्सेस टू जस्टिस फॉर चिल्ड्रन के स्टेट प्रोग्राम ऑफिसर जुनैद खान ने कही। मंगलवार को खान अलीराजपुर स्थित कार्यालय में एक दिवसीय कार्यशाला में शामिल हुए। उन्होंने बाल तस्करी के बारे में बताया कि बच्चों को धोखा, लालच, भय या बलपूर्वक उनके घरों से अलग करना है। उन्हें बंधुआ मजदूर, घरेलू काम करवाना, यौन शोषण करना, भीख मांगना या अन्य गैर कानूनी कार्य करवाना है।
