बाजार खुले भीड़ बड़ी कही पुनः ना बढ़ जाए संक्रमितों की संख्या, कोरोना गाइडलाइन का नहीं हो रहा पालन

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मयंक विश्वकर्मा,आम्बुआ

कोरोना नामक महामारी से जूझ रहे क्षेत्र में विगत महीनों से कर्फ्यू तथा लॉकडाउन शासन प्रशासन स्तर पर लगाया जाकर कोरोना के संक्रमण की चेन को तोड़े जाने का प्रयास किया गया जो कि सफल भी रहा। अब क्षेत्र में कोरोना संक्रमितों की संख्या कम हो जाने के कारण शासन प्रशासन ने शर्तों के साथ बाजार खोलने का ऐलान किया ऐसा करते ही बाजारों में बेहताशा भीड़ नजर आने लगी भीड़ में कोरोना गाइडलाइन का खुलकर उल्लंघन होते देखा जा रहा है जो कि चिंता का विषय हो सकता है। अनलॉक होते ही प्रशासनिक अमला भी गायब हो गया गाइडलाइन का पालन कौन कराएगा?

जैसा की विदित है विगत लगभग डेढ़ माह से क्षेत्र में कोरोना कर्फ्यू लगा कर क्षेत्र में लॉकडाउन किया हुआ था जिस कारण रोजमर्रा के सामान की किल्लत के साथ ही छोटे बड़े व्यवसायियों की हालत पतली होती जा रही थी। ग्राहकों को मनमाने भाव पर कई सामग्री बेची जा रही है। माल की आवक नहीं होने के बहाने सामान ऊंचे से ऊंचे भाव पर बिक रहा है शासन द्वारा 1 जून से क्षेत्र में लॉकडाउन हटाया गया। कुछ व्यवसाय को छोड़कर लगभग सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठान खोल दिए हैं आम्बुआ में भी लगभग सभी प्रकार के व्यवसाय हो रहे हैं । अनलॉक होते ही बाजार भीड़ देखी जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों शादी विवाह की धूम मची है ।इसके लिए ग्रामीण विवाह संबंधित सामान खरीदने तो आ रहे हैं ।मगर उनके साथ आ रही भीड़ तथा सामान विक्रेता कई व्यापारी बगैर किसी सुरक्षा के खरीद- बिक्री में लगे हैं जिस कारण कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ती देखी जा सकती है ।अनलॉक होते ही जो प्रशासनिक अमला 30 मई तक मुस्तैदी से ड्यूटी कर रहे थे वह भी कहीं नदारद हो गए हैं जिस कारण बाजार में मनमानी का आलम है। दिन भर हो रही भीड़ को नियंत्रित करने वाला कोई नजर नहीं आने के कारण यह बढ़ती भीड़ चिंता का विषय बनती जा रही है विगत महीनों से प्रशासन स्तर पर भी कई सख्ती के कारण क्षेत्र में कोरोना का गिराफ नीचे गिरा तो है।मगर अब कई पुनः वही स्थिति ना बन जाए इसके लिए व्यवसाई तथा ग्राहकों को अपनी जवाबदारी समझना होगी। साथ ही प्रशासन स्तर पर अभी भी शख्ती की जरूरत महसूस की जा रही है, ताकि लोग कोरोना गाइडलाइन का पालन कर स्वयं तथा आसपास के लोगों को सुरक्षित रख सके, तथा भविष्य में आने वाली कोरोना की तीसरी लहर से सुरक्षित रखा जा सके।

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