बाइक चलाना बच्चों का खेल, रफ्तार के साथ खेल रहे जिदंगी से, पुलिस और प्रशासन जानकर भी अनजान.

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सलमान शैख़@ पेटलावद

शहर में नाबालिग बच्चों के लिए बाइक चलाना खेल जैसा हो गया है। तेज रफ्तार के साथ वे अपनी जिदंगी के साथ खिलवाड़ करने में लगे हंै, लेकिन कोई देखने वाला नहीं। पुलिस और प्रशासन भी कार्रवाई नहीं करता, ऐसे में वे बिना लाइसेंस के बेखौफ वाहन दौड़ा रहे हैं और नासमझी में दुर्घटना का शिकार हो रहे है और दूसरो को भी घायल कर रहे है।
ऐसी ही एक घटना शहर के साईं मंदिर चौराहे पर शुक्रवार को हुई, जहां एक तेज रफ्तार से पुराना बस स्टैंड से रांग साइड आ रहे नाबालिग बाइक सवार ने पहले तो क्रासिंग कर रहे बाइक सवार को टक्कर मारी और उसके बाद रोड़ के किनारे खड़ी एक कार में जा घुंसा, घटना में गनीमत यह रही कि किसी प्रकार की कोई जनहानि नही हुई, लेकिन कार चालक ने जब अपनी गाड़ी को क्षतिग्रस्त देखा तो उसने नाबालिग बाइक सवार को पकड़ लिया, इतने भी चारो ओर भीड़ जमा हो गई, जैसे-तैसे सभी की समझाईश के बाद नाबालिग बाइक सवार के परिजनो ने उस कार के डेमेज हिस्से को सही कराकर मामला शांत कराया।
आपको बता दे कि शहर की किसी भी स्कूल की छुट्टी के दौरान बाहर खड़े हो जाइए, नाबालिग बच्चे वाहन लेकर बाहर निकलते आसानी से नजर आ जाएंगे। इसके अलावा शाम के वक्त गलियों से तेज रफ्तार से गुजरना उनका नया शगल हो गया है। जिम्मेदारों को इसकी जानकारी है, लेकिन उनकी कार्रवाई रस्म अदायगी तक ही सीमित रहती है। लिहाजा, गाहे-बगाहे हादसे होना आम हो चला है।
माता-पिता भी जिम्मेदार:
इस तरह के हादसों में काफी हद तक माता-पिता भी जिम्मेदार है। वे अपने नाबालिग बच्चों को खुद ही वाहन चलाने दे देते हैं। यही नहीं, लोगों के बीच वे इस बात का प्रचार भी करने से नहीं चुकते कि हमारा बच्चा तो बाइक चला लेता है और बाजार से सामान भी ले आता है। स्कूल आने-जाने के लिए बच्चों को वाहन भी दे देते हैं।
इन बातों का रखें ख्याल-
– छोटे बच्चों को वाहन से दूर रखें। यदि वे चलाने की जिद करें तो समझाएं।
– उन्हें यातायात के नियमों से अवगत कराएं।
– लाइसेंस जरूर बनवा लें। बिना लाइसेंस के वाहन बिलकुल भी नहीं चलाने दें।
– बार-बार बताया जाए कि तेज रफ्तार से वाहन चलाने से दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं।

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