वन क्षेत्र में बसे गांव के ग्रामीणों में तेंदुए की दहशत

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बरझर से इरशाद खान की रिपोर्ट

कदवाल कट्ठीवाड़ा के जंगलों से जंगली जानवर तेंदुए की आमद वनक्षेत्र से सटे गांव कस्बों में होने से ग्रामीण भयभीत हैं। अब मक्का, गेहूं की फसलों के खेत के अन्दर जाने से भी किसान डर रहे है । ऐसे में किसानों के बचाव के लिए आलीराजपुर जिले के डीएफओ ने आज़ाद नगर भाबरा रेंजर को निर्देश है।

बरझर पंचायत के मालीफलीया व महेंद्रा पंचायत के रणखेतर जुनागाव के ग्रामीण इन दिनों जंगली जानवर तेंदुए के खोफ से परेशान है। किसानों ने तेंदुए के डर से खेतो में जाना बंद कर दिया है। भय व डर इतना है कि खेतों में जाना हो तो दो से चार लोगों को साथ लेकर खेत पर जाना पड़ रहा हैं । रोजाना रात्रि में खेतों में तेंदुआ नजर आने से ग्रामीणों में भय व दहशत का आलम है। वन क्षैत्र के गांव महेंद्रा पंचायत के रणखेतर व जुनागाव निवासी अर्जुन सविया दिनेश ने बताया कि रोजाना दो तेंदुए उनके खेतो के आस पास घुमते रहते है। डर के मारे पानी की मोटर बंद कर घर आना पड़ता है वहीं वनक्षेत्र से लगे राजस्व गांव बरझर पंचायत के मालिफलिया निवासी गोपाल, रमेश, प्रताप, दलसिह , परेश , कसना का कहना है रात्रि में खेतों में पानी घूमाते वक्त तेंदुआ खेतों में आ जाता है । डर के मारे खेतों में काम बंद कर घर आना पड़ता है। रोजाना रात्रि में 11 से 1 बजे के बीच तेंदुआ खेतों में आ जाता है भय के कारण घर आना पड़ता है या दो से चार लोगों को साथ लेकर खेत में जाना पड़ता हैं। क्षेत्र में तेंदुआ होने की जानकारी वन विभाग को होने के बावजूद भी उसे पकड़ने के लिए कोई इंतजाम नहीं किया जा रहा है। अभी तक तो तेंदुए ने किसी भी ग्रामीण पर हमला नहीं किया। कुत्ते बकरे का ही शिकार कर रहा है फिर भी डर बना रहता है।‌ ‌

डीएफओ को ग्रामीणों ने तेंदूए के आतंक की शिकायत, बचाव के लिए रेंजर को दिए ये निर्देश

आलिराजपुर डीएफओ मंयक सिंह गुर्जर वन क्षेत्र महेंद्रा पंचायत कोठार में कार्यशाला आगमन पर ग्रामीणों ने डीएफओ मंयक सिंह गुजर वन क्षेत्र महेंद्रा पंचायत में तेंदुपत्ता संग्रहण ग्राम सभा में महत्व समझाने को लेकर क्षेत्र में पहुंचे थे। ग्रामीणों की सम्सया को देखते हुए डीएफओ मंयक सिंह गुर्जर ने आजाद नगर रेंजर संदिप रावत को तेंदुए से बचाव व तेंदुए को भगाने के लिए विभाग की ओर से किसानों को छोटे लाउडस्पीकर‌ टॉर्च व इलेक्ट्रिक शोट देने को कहा ताकि ग्रामीण रात्रि में लाउडस्पीकर बजाकर शोर कर तेंदुए को भगा सके व टार्च की रोशनी में जंगली जानवर को दुर से देख सके व बाई चांस। रात्रि में तेंदुए के करिब आने व हमला करने पर बचने के लिए इलेक्ट्रिक सोट देकर तेंदुए के हमले से किसान बच सके‌।

ऐसे उपकरण ग्रामीणों को उपलब्ध कराने को जल्द से जल्द कहा । ताकी किसानों को बड़ा नुक़सान ना हो अभी तक तेंदूए ने कुत्तों व बकरीयो का शिकार कर चुके हैं ।

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