फेरी कर धंधा करने वाले डेरे तंबू छोड़कर अचानक गायब होना बना चर्चा का विषय

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मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ

आम्बुआ (अलीराजपुर) आम्बुआ कस्बे से बाहर एक निजी जमीन पर विगत वर्षों से डेरे तंबू लगाकर रह रहे तथा फेरी कर प्लास्टिक आदि का सामान बेचने वाले अचानक से डेरे तंबू लगे छोड़ कर कहीं चले जाने से लोग आश्चर्यचकित हैं कि वे अचानक सपरिवार सामान के साथ कहां गायब हो गए पता नहीं, सूत्र बताते हैं कि इन व्यवसायियों का ग्रामीण क्षेत्र में हजारों की उधारी लेना है तो कुछ को देना भी है

आम्बुआ कस्बे में भी स्वच्छता अभियान के समय झोपड़पट्टी या डेरे तंबू लगाकर प्लास्टिक का सामान (बाल्टी, तगारी, गमले, डब्बे) आदि फेरी लगाकर ग्रामीण क्षेत्रों में बेचने वालों को प्रशासन की सख्ती के कारण या तो जाना पड़ा था या फिर कुछ यहीं बाजार में किराए से मकान लेकर धंधा चालू रखा इसी बीच कोरोना के कारण लॉकडाउन हो जाने से धंधा व्यवसाय ठप हो गया जब लॉकडाउन खुला तो कई खेतों में पुनः डेरे तंबू लगा लिए है तथा खुले में शौच कर गंदगी फैलाते हुए स्वच्छता अभियान को ठेंगा बताने लगे यहां पर प्रशासन की निष्क्रियता के कारण तंबू बढ़ते गए परिवार बस गए तथा विद्युत विभाग ने अस्थाई बिजली कनेक्शन भी दे दिए तंबू वालों के व्यवहार से आसपास के परिवार परेशान हो गए शाम को नशे की हालत में गाली गलौज तथा झगड़े खुले में मुर्गे बकरे काटने से परेशान श्री महेंद्र गुप्ता ने एक आवेदन 5 जनवरी 2021 को जिले में होने वाली जनसुनवाई में देकर कार्यवाही की मांग की एक आवेदन जिला पुलिस अधीक्षक को भी दिया उसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई मगर अभी पिछले हफ्ते अचानक ही डेरे तंबू वाले परिवार अचानक रात्रि में स
सपरिवार सामान लेकर गायब हो गए तथा डेरे तंबू खाली पड़े हैं कस्बे के लोगों को तथा आसपास रहने वालों को आश्चर्य है कि कोरोनाकाल में यहां धंधा बंद होने के बावजूद रहने वाले कहां गायब हो गए जितने मुंह उतनी बातें चर्चा का विषय बनी हुई है

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