प्रवासी मजदूर नहीं कर रहे लॉकडाउन के नियमों का पालन, कहीं परेशानी का सबब न बन जाए

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मयंक विश्वकर्मा, आंबुआ
कोरोना बीमारी से जंग लड़ रहे क्षेत्रीय नागरिक जो कि विगत 40-45 दिनों से लॉक डाउन में रहकर संक्रमण से बचे हुए हैं। वह कहीं मुसीबत में ना फंस जाए और अभी जो लॉक डाउन में छूट दी जा रही है वह कहीं पुन: लॉक डाउन या कफ्र्यू की स्थिति न आ जाए कारण कि जो प्रवासी मजदूर आदि वापस आ रहे हैं उन्हें शासन प्रशासन की समझाइश के बाद भी वे घरों में रहने को तैयार नहीं है तथा खुलेआम बगैर मास्क के घूम रहे हैं गुटखा आदि खाते हुए जहां-तहां थूकने छींकते फिर रहे हैं इन पर यदि सख्ती नहीं की गई तो इतने दिनों की मेहनत बेकार ना चली जाए। गौरतलब है कि विगत माह 24 मार्च से 3 अप्रैल तथा इसके बाद 14 अप्रैल तथा 17 मई तक का लॉक डाउन जारी है इतने दिनों तक लोगों ने शासन-प्रशासन की हर बात मानी कुछ लोग हालांकि लॉकडाउन का पालन करने से बचते भी रहे उन्होंने शासन प्रशासन की नहीं मानी लेकिन अधिकांश लोगों ने उसका पालन किया और शायद इसी कारण से क्षेत्र इस महामारी से बचा हुआ है मगर अब क्षेत्र में प्रवासी मजदूर आदि का आना प्रारंभ हो गया है कुछ आ चुके हैं जिनका स्वास्थ्य विभाग की टीम ने स्वास्थ्य परीक्षण थर्मल स्कैनिंग कर उन्हें 14 दिन के लिए घरों में ही रहने व क्वॉरेंटीन की हिदायत दी गई। मगर देखा जा रहा है कि कई लोग घरों से बाहर बाजारों आदि सार्वजनिक स्थलों पर घूमते नजर आ रहे हैं जिस कारण आगामी समय में संक्रमण फैलने की आशंका व्यक्त की जा रही है प्रशासन को इस और शख्ती दिखाना जरूरी माना जा रहा है।

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