प्रभारीमंत्री के निर्देश के बाद अवैध डॉक्टरों के क्लिनिकों पर प्रशासन ने मारे छापे, किया सील

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20170130_171014 30 ali 11 अलीराजपुर लाइव के लिए अलीराजपुर से रिजवान खान की रिपोर्ट
आखिरकार लंबे इंतजार के बाद जिला प्रशासन साइलेंट मोड से एक्टिव मोड पर आकर प्रभारीमंत्री के निर्देश के बाद जिला मुख्यालय पर कलेक्टर ने झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई का मन बनाया। सोमवार को एसडीएम के नेतृत्व में दो जगहों पर छापामार कार्रवाई की। एक क्लीनिक से डॉक्टर फरार हो गया तो दूसरे क्लीनिक पर डॉक्टर मौजूद मिला। इस दौरान अस्पताल के कर्मचारियों ने मिली दवाइयों की सूची बनाकर सील किया। पिछले कई दिनों से झोलाछाप डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए आम लोग आवाज उठा रहे थे, लेकिन जिला प्रशासन मौन बैठा था। इस दौरान जिले के आजाद नगर में तहसीलदार ने अपने दम पर साहसिक कदम उठाते हुए क्षेत्र में झोला छाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की हिम्मत दिखाई थी। लेकिन जिले के दूरदराज क्षेत्र में मक्कडज़ाल की तरह फैले झोलाछाप डॉक्टर ग्रामीण क्षेत्रों के साथ शहरी क्षेत्रों में भी अपना क्लीनिक खुले रूप से संचालित करते हैं। प्रभारीमंत्री ने जिला योजना समिति की बैठक में झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश कलेक्टर को दिए थे। उसी बैठक के परिणाम स्वरूप कलेक्टर गणेश शंकर मिश्रा ने जिला मुख्यालय पर एसडीएम शैलेन्द्र सिंह सोलंकी के नेतृत्व में सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर नानावरे ने सोमवार को दोपहर को सोरवा नाका चौराहे पर स्थित कैलाश राठौर के मकान में संचालित दिलीप राय के क्लिनिक पर छापा मारा। अधिकारियों के पहुंचते ही डॉ.राय एवं उसका परिवार वहां से फरार हो गया। अमले के साथ पहुंचे जिला चिकित्सालय के कर्मचारी रघु वाघेला, कमलेश कनेश जब्त दवाइयों की सूची बनाई। साथ ही जप्त दवाइयों के साथ क्लिनिक को भी सील कर दिया गया। टीम का अगला निषाना नवीन बस स्टैंड के उपरी तल पर अवैध रूप से संचालित जय गुरू क्लिनिक बना। जहां पर सीएमएचओ ने क्लिनिक पर उपस्थ्ति बंगाली चिकित्सक बीण्केण् राय से डिग्री मंागी इस पर चिकित्सक ने बहाना बनाकर टाल दिया। आगे सीएमएचओ ने चिकित्सक से कई प्रकार के स्वास्थ्य संबंधी प्रष्न किए जिस पर चिकित्सक सही तरीके से जवाब नहीं दे पाया। वहां पर भी अमले ने क्लिनिक पर रखी दवाईयों को जब्त कर क्लिनिक को भी सील कर दिया।
जिलेवासियों के स्वास्थ्य से खिलवाड़- आलीराजपुर जिला मुख्यालय सहित जिले के समस्त विकासखंडों में ऐसे कई फर्जी क्लिनिक है जहां पर जिले की भोली भाली जनता के स्वास्थ्य के साथ फर्जी बंगाली चिकित्सकों द्वारा खिलवाड़ किया जा रहा है। मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदेश की जनता के लिए नि:शुल्क उपचार के साथ साथ कई तरह की स्वास्थ्य योजनाए नि:शुल्क रूप से संचालित की जा रही है किन्तु जिले में कई लोग अशिक्षित होने के कारण फर्जी चिकित्सकों से अपनी जान जोखिम में डलवा रहे है।
जिला प्रशासन करे नियमित कार्रवाई-
अमूमन देखा गया है कि जिले में फर्जी चिकित्सकों के खिलाफ शुरूआती कार्रवाई के बाद जिला प्रशासन के साथ जिले के स्वास्थ्य महकमें के जिम्मेदार अधिकारी फिर उस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं करते है ऐसी स्थिति में फर्जी चिकित्सक धीरे-धीरे अपनी दुकानदारी जमा लेते है और खुले रूप से बिना किसी खौफ के अपना क्लिनिक संचालित करने लगते है। जिला प्रशासन को चाहिए कि इस तरह की कार्रवाई जिले भर में नियमित रूप से हो ताकि जिले से झोलाछाप फर्जी चिकित्सकों का सफाया हो सके।

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