प्यासी धरती माँ के लिए हलमा करने जुटेंगे झाबुआ के 4000 भील

0

झाबुआ लाईव डेस्क

अनुसूचित जनजाति आयोग के माननीय सदस्य अनंत नायक होंगे शामिल

शिवगंगा झाबुआ द्वारा रामा विकासखंड के लिमखोदरा गाँव में 17-18 अप्रैल को हलमा का आयोजन हो रहा है। जिले के 300 गाओं से 4000 ग्रामवासी सपरिवार हलमा में शामिल होंगे।
हलमा झाबुआ के पारम्परिक बाबा देव में से एक विशिया डूँगर पहाड़ी पर होने वाला है। 2 दिवसीय कार्यक्रम में बाबा विशिया डूँगर की परिक्रमा यात्रा होगी, 3 धरम सभाएँ होंगी और डूँगर पर ग्रामवासी 5000 कंटूर ट्रेंच बनाकर विशिया डूँगर को अगले 5 सालों में पुनः हरा भरा करने का संकल्प लेंगे। इस कार्यक्रम की तैयारी के लिए शिवगंगा के 300 कार्यकर्ताओं द्वारा पिछले 15 दिनों में 11000 परिवारों को हलमा में आने का निमंत्रण दिया गया है।

हलमा भीलों की, परमार्थ की प्रेरणा से एकसाथ मिलकर काम करने की एक प्राचीन परमपरा है। शिवगंगा झाबुआ द्वारा जिले की जल समस्या के समाधान को लेकर हलमा के पुनर्जीवन से पानी बचाने की शुरुआत वर्ष 2009-10 से हुई। हलमा के माध्यम से समाजिक सशक्तिकरण का प्रयास तब से लागातार झाबुआ की हाथीपावा पहाड़ी पर हो रहा है। हाथीपावा पर ग्रामवासियों ने 141000 कंटूर ट्रेंच बनाकर अब तक लगभग 1200 करोड़ लीटर जल का संरक्षण किया है। उस सामूहिक हलमा के परिणामस्वरूप गाँव- गाँव, हलमा करके ग्रामवासियों ने 80 तालाब बना दिए, जिनकी कुल धारण क्षमता 400 करोड़ लीटर से भी अधिक है। इस जल धारण से सिंचाई होने लगी है, जमीन का जल स्तर बढ़ रहा है, समाज में सामूहिकता, परमार्थ, स्वाभिमान जैसे संस्कारों का पुनर्जागरण हो रहा है। इस बार झाबुआ जिले के ग्रामीण कार्यकर्ताओं ने विचार किया ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर हलमा कर समाज में बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। हलमा परम्परा को लेकर ग्रामीणों अत्यंत उत्साह है। हलमा ग्राम समृद्धि की एक नई गाथा लिख रहा है।

विशिया डूँगर हलमे में ग्रामवासियों के साथ-साथ इंदौर शहर से नगरवासियों की टीम, इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र- नई दिल्ली, ऋषिहुड यूनिवर्सिटी – सोनीपत के प्रोफेसर और छात्र भी शामिल रहेंगे। इस प्रकार ‘हलमा’ ग्राम और नगर वासियों के अद्भुत संगम का भी माध्यम बन रहा हैं

Leave A Reply

Your email address will not be published.