पेशवा घाट पर भव्य नर्मदा जयंती महोत्सव में बनारस की तर्ज पर हुई नर्मदा महाआरती

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सर्व तीर्थ नायक है माँ नर्मदा – महंत ह्र्दयगिरी 

आकाश उपाध्याय @ अलीराजपुर

वैदिक काल से पावन नगरी के रूप में माँ नर्मदा नदी के किनारे स्थित महेश्वर नगरी में नर्मदा जयंती का एक दिवसीय भव्य आयोजन सम्पन्न हुआ। प्रातः बेला में पूज्य साध्वी महंत जगतगिरी गुरु माँ एवं महंत ह्र्दयगिरी महाराज के सान्निध्य में सुविख्यात प्राचीन पेशवा घाट पर इक्यावन युगल जोड़ी द्वारा सवा दो सौ किलो दूध एवं पंचामृत से आचार्य विद्वानों के मंत्रोच्चारण में माँ नर्मदा का महाभिषेक किया गया। सवा क्विंटल कढाई हलवे का भोग लगा कर माँ नर्मदा को चुनरी चढाई गई। इस अवसर पर पाँच सौ एक कन्याओं का पूजन किया गया।
शाम के मुख्य कार्यक्रमों में पूज्य साध्वी महंत जगतगिरी गुरु माँ एवं महंत ह्र्दयगिरी जी के पावन सान्निध्य, अतिथिद्वय श्री तिलकसिंह ‘डीआईजी’ पुलिस खरगोन, विक्रम सेन ‘अध्यक्ष’ भारतीय पत्रकार संघ ‘एआइजे’, कथा वाचक संत श्यामदास महाराज, योगेश शर्मा प्रांत सेवा प्रमुख, विक्की शर्मा भारतीय पत्रकार संघ युवा प्रदेश अध्यक्ष, राजेन्द्र राजपूत प्रदेश पदाधिकारी’ किसान मोर्चा रहे। इस अवसर पर शाम को अमेरिका से आयी सुश्री उमा फड़के ने शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति दी। स्वर सम्राज्ञी स्व. लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि देते हुए निर्गुणी भजन की प्रस्तुति दी। पूना से आए अनूप कुलथे ने वायलिन पर मन मोह लिया। महेश्वर नगर के राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त श्याम रंजनसेन गुप्ता के नृत्यांजलि संस्था की पलक उपाध्याय, सलोनी दुबे, वैष्णवी सोनेर, गोरी अत्रे, अमीषा गुप्ता, शीतल श्रवनेकर, प्रज्ञा चौहान द्वारा नर्मदा अष्टक एवं शिव तांडव की नृत्यमय प्रस्तुति दी। अतिथियों द्वारा दीपदान किया गया। दीपदान समिति ने पाँच हजार एक दिप जलाकर छोड़े गए। माँ नर्मदा की काकड़ आरती हुई जिसमें बड़ी संख्या में भक्तों ने भाग लिया। प्रसाद के साथ पूजित रुद्राक्ष भी वितरण किए गए। इस अवसर पर हजारों जन उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय कवि ‘नरेंद्र अटल’ ने किया एवं आभार पंडित मधु चौरे द्वारा किया गया।

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