पूर्व सांसद दिलीपसिंह भूरिया की प्रतिमा स्थल पर हो रहे अतिक्रमण को लेकर सौंपा ज्ञापन

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दिपेश प्रजापति, झाबुआ
आदिवासियों के मसीहा, पैसा कानून के जनक राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के अध्यक्ष एवं भूरिया कमेटी के अध्यक्ष झाबुआ-रतलाम संसदीय क्षेत्र से सात बार सांसद एक बार पेटलावद से विधायक एवं राष्ट्रीय सहकारी संघ के अध्यक्ष अंतर्राष्ट्रीय सहकारी संघ के उपाध्यक्ष रहे स्वर्गीय दिलीप सिंह भूरिया की आदमकद प्रतिमा जिला मुख्यालय पर मेघनगर नाके पर स्थापित की गई है किंतु स्थानीय प्रशासन की घोर उपेक्षा एवं लापरवाही के कारण प्रतिमा स्थल पर लगातार अतिक्रमण किया जा रहा। प्रतिमा की नियमित साफ सफाई नही की जाने से प्रतिमा धूल धूसरित हो रही है और प्रतिमा जिस आधार स्तम्भ पर स्थापित की गई है उस आधार स्तम्भ के पत्थर (ग्रेनाइट) टूट गए हैं। साथ ही सम्पूर्ण परिसर में अवैध कंडम वाहनों का जमावड़ा होने से पूरा क्षेत्र कबाडख़ाना दिखाई देता है। यहां पर स्ट्रीट लाइट की समुचित नहीं होने से असमाजिक तत्व अंधेरे में बैठे रहते हैं। गौरतलब है कि संपूर्ण भारत वर्ष से आदिवासी समाज के प्रतिनिधि वे चाहे किसी भी दल, किसी भी मत के मानने वाले हो स्व. दिलीप सिंह भूरिया की प्रतिमा के दर्शन करने आते रहते हैं और अपनी परम्परा अनुसार प्रतिमा को साफा बांधकर अपने श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं किन्तु भूरिया के जन्मस्थली पर ही उनकी प्रतिमा और स्थल की दुर्दशा देखकर उनका मन भारी विषाद से भर जाता है जिससे झाबुआ प्रशासन की नकारात्मक छवि बन रही है। सम्पूर्ण देश मे आदिवासी समाज के सर्वांगीण विकास और उनके अधिकारों को दिलवाने के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन अर्पित करने वाले स्वर्गीय भूरिया के पावन जन्मस्थली पर ही उनकी प्रतिमा की ऐसी उपेक्षा से आदिवासी समाज में रोष व्याप्त है। यह कि दिलीप सिंह भूरिया की प्रतिमा स्थापना के पश्चात नगरपालिका के द्वारा वहां पर कोई भी विकास का कार्य नही किया गया है प्रतिमा की रंगाई पुताई एवं सफाई भी उनके अनुयायियों के द्वारा की जाती रही है। यह कि 24 जून 2012 को स्व. भूरिया 5वीं पुण्यतिथि है और इस दिन उनके अनुयायी बड़ी संख्या में प्रतिमा स्थल पर एकत्र होकर कोविड नियमो का पालन कर अपने श्रद्धसुमन अर्पित करेंगे। स्व. भूरिया की पुण्यतिथि के पूर्व प्रतिमा की रंगाई पुताई और स्थल की साफ सफाई आवश्यक मरम्मत कर अतिक्रमण हटाने हेतु प्रभावी कार्यवाही हेतु संबंधित विभागों को निर्देशित करने का कष्ट करे। विभिन्न प्रकार जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ता ओर युवाओं द्वारा ओर गांवों के तडवी द्वारा भी हस्ताक्षर कर मांग की गई कि शीघ्र से शीघ्र अतिक्रमण हटाया जाए । अलकेश मेड़ा जनजाति विकास मंच टोली सदस्य झाबुआ, कांजी भूरिया हित रक्षा प्रमुख, अर्जुन भूरिया,जसवंत उपस्थित थे

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