पुलिस शहीद दिवस पर एसपी श्रीवास्तव ने कहा- सैनिक व पुलिस दिन-रात सुरक्षा में जुटे हैं तभी नागरिक सुरक्षित है

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फिरोज खान, ब्यूरो चीफ अलीराजपुर
पुलिस शहीद स्मृति दिवस आज अलीराजपुर पुलिस लाइन में आयोजित किया गया। इस अवसर पर अधिकारियों ने शहीद सुरक्षा कर्मियों का स्मरण कर उनके नाम का वाचन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पुलिस अधीक्षक विपुल श्रीवास्तव, एएसपी सीमा अलावा समेत सभी आला अधिकारी उपस्थित थे। गौरतलब है कि शहीद दिवस अपने ड्यूटी के दौरान शहीद हुए पुलिसकर्मियों की स्मृति में मनाया जाता है। शहीद दिवस पर एसपी श्रीवास्तव ने कहा कि किसी भी देश के संगठन की सुरक्षा बाहरी दीवार जितनी मजबूत होनी चाहिए उतनी ही उसकी आंतरिक सुरक्षा सतर्क होनी चाहिए। हमें गर्व है हमारे देश की सीमाओं पर सुरक्षा करने वाले हमारे सैनिकों पर और पूरे देश में आंतरिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने वाले हमारे पुलिसकर्मियों पर। पुलिस जवान दिन-रात, हर मौसम में हर समय में हर परिस्थिति में समाज के साथ रहते हैं। समाज में आतंक, भ्रष्टाचार, अनेक प्रकार की गंदगी और बुराई फैलाने वाली ताकतों से निरंतर संघर्ष करते हैं। कानून और व्यवस्था की स्थापना सुनिश्चित करते हैं। एसपी ने कहा कि कोई भी देश तब तक सुरक्षित और अखंड नहीं रह सकता जब तक कि उसकी आंतरिक सुरक्षा प्रणाली निष्पक्ष, सतर्क, कर्मशील और समर्पित न हो।

पुलिस ने सिद्ध किया देश सर्वोपरि है-

पुलिस भले ही राज्य का विषय हो लेकिन आंतरिक सुरक्षा को राज्यों की सीमा में बांध कर देश की अखंडता के साथ समझौता नहीं किया जा सकता और स्वतंत्रता से लेकर आज तक हमारी पुलिस ने यह सिद्ध भी किया है कि देशहित सर्वोपरि है। प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में पुलिसकर्मी अपने कर्तव्य की बलिवेदी पर शहीद होते हैं, यह भी बड़े दुख की बात है कि उनके इस सर्वोच्च समर्पण और शहादत की शौर्य गाथा को वह लोग जान ही नहीं पाते जिनके लिए यह अपनी जान गंवा देते हैं। ड्यूटी के दौरान अपनी कुर्बानी देने वाले पुलिस कर्मियों की याद में हर साल पुलिस शहीद स्मृति दिवस 21 अक्टूबर को मनाया जाता है। कर्तव्य पथ पर कुर्बान होने वाले पुलिस कर्मियों के परिजनों के लिए विशेष रूप से महत्व है। हमारे जो साथी देश सेवा के लिए शहीद हुए हैं उनके सम्मान के तौर पर यह स्मृति दिवस एवं परेड का आयोजन किया जाता है। पुलिस स्मृति दिवस प्रत्येक वर्ष 21 अक्टूबर को मनाया जाता है।

इसलिए मनाया जाता है पुलिस शहीद दिवस
पुलिस स्मरण दिवस के महत्व के बारे में सीआरपीएफ की बहादुरी का एक किस्सा है। गौरतलब है कि आज से 59 वर्ष पहले 21 अक्टूबर 1959 में लद्दाख में तीसरी बटालियन की एक कम्पनी को भारत-तिब्बत सीमा की सुरक्षा के लिए लद्दाख में ‘हाट-स्प्रिंग’ में तैनात किया गया था। कम्पनी को टुकडिय़ों में बांटकर चौकसी करने को कहा गया। जब बल के 21 जवानों का गश्ती दल हाट-स्प्रिंग में गश्त कर रहा था। तभी चीनी फौज के एक बहुत बड़े दस्ते ने इस गश्ती टुकड़ी पर घात लगाकर आक्रमण कर दिया। तब बल के मात्र 21 जवानों ने चीनी आक्रमणकारियों का डटकर मुकाबला किया।

10 शूरवीर जवान हुए थे शहीद

मातृभूमि की रक्षा के लिए लड़ते हुए 10 शूरवीर जवानों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया। हमारे बल के लिए व हम सबके लिए यह गौरव की बात है कि केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के इन बहादुर जवानों के बलिदान को देश के सभी केन्द्रीय पुलिस संगठनों व सभी राज्यों की सिविल पुलिस द्वारा पुलिस स्मरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। हर राज्य का पुलिस बल उन बहादुर पुलिस वालों की याद में इस दिवस का आयोजन करता है जिन्होंने जनता एवं शांति की रक्षा के लिए अपना जीवन कुर्बान कर दिया। देश एवं प्रदेश के अनेक जवानों ने देश की रक्षा के लिए अपना जीवन कुर्बान किया है। इसी अनुक्रम में मध्य प्रदेश पुलिस ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए 14 अगस्त 2018 को जिले के प्रत्येक शहीद परिवारों को शहर में वरिष्ठतम अधिकारियों के माध्यम से अलग अलग जगह सम्मानित किया गया है।

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