पार्टी छोड़ कर उत्सव मनाओ,क्योंकि उत्सव में देवता आते है – प कमलकिशोर नागर

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योगेन्द्र राठौड़ सोंडवा
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वृन्दावन धाम सोंडवा में भागवत महा पुराण के पंचम दिवस मालव माटी के संत पण्डित कमलकिशोर नागरजी द्वारा मानव जीवन का बखान करते हुए कहा कि मानव जीवन एक खाली पात्र है,जिसमे किन कर्मो का समावेश करना है वो उसी के हाथों में है। आगे बताया कि माँ केवल जन्म देती है और गुरू जीवन देता है और गोविंद उस जीवन का कल्याण करता है। युवाओं से आव्हान किया कि पार्टी छोड़ कर उत्सव करो,पार्टी में नेता आते है और उत्सव में देवता आते है। धर्म परिवर्तन करने वालो से आव्हान किया कि धर्म मत छोड़ो,ओर जिन्होंने धर्म परिवर्तन किया उनसे भी समझाओ की अपने धर्म पर चलो अपना धर्म ही अपने को सदगति देगा। आदिवासी समाज के महत्व को बताते हुए कहा कि आदिवासी से ही संसार प्रारम्भ हुआ। राम ने भी सारे साधू सन्तो को छोड़ भीलनी सबरी की कुटिया में गए। गौ ग्रास का महत्व बताते हुए बताया कि गौ ग्रास से जीवन के त्रास मिट जाएगे। गाय माता को दूध के लिए नही दर्शन के लिए रखे।बुढी होने पर उसे छोडे नही वो दुध ना सही दर्शन तो देगी। भालो लागे रे म्हरो सावरिया रे सेठ भजन पर 80 वर्ष के बुजुर्ग भी अपने को थिरकने से ना रोक सके। वृन्दावन का बखान करते हुए बताया कि वृन्दावन सा बन नही,ओर नन्द गांव सा गांव नही। युवाओ को सीख दी कि अपना पहनावा सही रखे,क्योकि जमाने की नजरें खराब है,आज बागड़ ही बाड खा रही है। गरज ओर करज से गोविंद बचाए। जीवन की लाइन में सही लोगो के संग रहना वरना अच्छा खासा जीवन बिगड़ जाएगा। कथा के बताए रास्ते पर चलोगे तो ही भव सागर से तर पाओगे। स्वभाव बदलो तभी प्रभाव बदलेगा। किसी की हँसी उड़ाकर ताली बजाने से अच्छा कीर्तन में ताली बजाना। पूण्य से ही कथा श्रवण करने का लाभ मिलता है,कष्ट भोग लेना पर निन्दा ना करना।

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