पर्यावरण सहयोग संस्था द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस पर किया श्रमदान

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पियुष चन्देल, अलीराजपुर
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विश्व पर्यावरण दिवस पर नगर की सामाजिक पर्यावरण सहयोग सस्था द्वारा आज स्थानीय सहयोग गार्डन व वीआईपी रोड पर श्रम दान का आयोजन किया। जिसमे मुख्य अतिथी ADM सुरेश चंद्र वर्मा थे, जिन्होने श्रम दान कर के कार्यक्रम की शूरूआत की। साथ ही संस्था सदस्यो ने भी श्रम दान किया, फलस्वरूप सहयोग गार्डन से दो ट्राली प्लास्टिक व अन्य कचरा निकाला गया। इस अवसर पर वर्मा ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण हेतु पूरे विश्व में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र ने पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक जागृति लाने हेतु वर्ष 1972 में की थी। सिर्फ दिखावा नहीं पर्यावरण संरक्षण के ठोस प्रयास जरूरी।विश्व पर्यावरण दिवस संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा प्रकृति को समर्पित वैश्विक स्तर पर मनाया जाने वाला सबसे बड़ा उत्सव है। पर्यावरण और जीवन के बीच अटूट संबंध है। इसे ध्यान में रखते हुए पर्यावरण के संरक्षण, संवर्धन और विकास का संकल्प हर किसी के लिए जरूरी है। आज सिर्फ आलीराजपुर व भारत ही नहीं पुरा विश्व मे पर्यावरण को गंभीर खतरा है। विशेषज्ञों की मानें तो ऐसा ही माहौल रहा तो वर्ष 2030 तक विश्व में रहना असंभव हो जाएगा। विकास के नाम पर खनन और पेड़ों की अंधाधुंध कटाई यहां की धरती को कांक्रीट के जंगल में तब्दील कर रही है। दिन-प्रति-दिन आबोहवा जहरीली होती जा रही है। भूमिगत जल की बात की जाए तो कई इलाके डार्क जोन में पहुंच चुके है। पर्यावरणविदों का कहना है, कि पर्यावरण संरक्षण के नाम पर महज दिखावे से काम नहीं चलने वाला है इसके लिए ठोस प्रयास जरूरी है।आज 5 जून, बुधवार को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाएगा। केवल इस दिन ही आम से लेकर खास जनमानस में पर्यावरण संरक्षण के प्रति औपचारिक चिंता दिखती है। इस दिन के बाद सब कुछ पहले जैसा ही हो जाता है। सिर्फ इस एक दिन की बात को छोड़ दी जाए तो बाकी के पूरे साल किसी को न ही पर्यावरण बचाने की चिता होती है, न वनों को बचाने की और न ही जल संरक्षण की है। जंगलों के उजड़ने से गर्म हवाएं यहां का तापमान बढ़ा रही हैं। इस गर्मी में आलीराजपूर का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से भी ऊपर तक पहुंच चुका है।
सहयोग सस्था अध्यक्ष दीपक दीक्षीत ने बताया कि वर्ष 2019 के विश्व पर्यावरण दिवस का थीम बीट एयर पॉल्यूशन है। विश्व में वायु प्रदूषण बड़ा खतरा बनता जा रहा है। दुनिया मे कई शहर प्रदूषित हो रहे है। वायु प्रदूषण का स्तर इतना खतरनाक हो चुका है, कि इसको नियंत्रित करने का त्वरित प्रयास नहीं किया गया तो बहुत देर हो जाएगी। डीजल ऑटो पर तुरंत प्रतिबंध लगाने की जरूरत है। दीक्षीत ने ये भी बताया की इंसान ने विकास की अंधी दौड़ में अपने पर्यावरण का सबसे ज्यादा दोहन किया है, जिसके परिणाम अब दिखाई देने लगे हैं। ग्लोबल वॉर्मिंग और प्रदूषण की समस्या दिनों-दिन विकराल रुप धारण करती जा रही है। यही वजह है, कि लोगों को प्रकृति के प्रति जागरुक करने के उद्देश्य से हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर पर्यावरण सहयोग संस्था द्वार यह आयोजन किया जाता है। इस आयोजन का उद्देश्य लोगों को प्रकृति को लेकर जागरुक और संवेदनशील बनाने का है। इस आयोजन में आप प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल हो सकते हैं। इस खास दिन आप अपने शुभचिंतकों को इन संदेशों से बधाई दे सकते हैं और उन्हें पर्यावरण के प्रति जागरुक कर सकते हैं। कार्यक्रम के अंत मे सभी सदस्यो को पर्यावरण बचाने की शपथ दिलाई गई।

चिंतित हैं … आज सभी बुद्धिजन
कैसे बचाएं हम… अपना पर्यावरण ?
कोई कहे… नए वृक्ष लगाओ
कोई कहे … जो हैं …उन्हें बचाओ।

कायर्क्रम मे संस्था सरक्षक बालकृष्ण गुप्ता, पुर्व अध्यक्ष कैलाश कमेडिया, आशुतोष पंचोली , जान्नकीवलभ कोठारी , अविनाश वाघेला, राजेन्द्र कोठारी, विक्रान्त राठोर, डा .शकिल , महेश शुक्ला, बसन्त राठौड, राकेश चौहान, पिकेश राठौड, हितेश सिलाका, ढोकलसिह, अरूण व नगरपालिका के स्वास्थ सफाई अधिकारी आशुतोष दुबे, जितेन्द्र डुडवे का सराहनीय सहयोग रहा।साथ ही पर्यावरण सहयोग संस्था को प्रतिवर्ष की तरह ईस वर्ष भी एलआईसी अभिकर्ता अरुण जी गहलोत ने अपनी पुत्रवधु श्रीमती निधि आलोक गहलोत के जन्मदिवस पर 1000/- की राशि पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रदान की।

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